नयी दिल्ली, भारत और चीन के सैनिकों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर के यांगत्से में पिछले सप्ताह मामूली झड़प हुई थी।
विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि क्षेत्र में दोनों सेनाओं के सैनिकों का नियमित गश्त के दौरान आमना सामना हुआ और कहासुनी भी हुई। सूत्रों का कहना है कि सीमा रेखा का निर्धारण नहीं होने के कारण वास्तविक नियंत्रण रेखा की दोनों देशों की अपनी-अपनी अलग अवधारणा के कारण इस तरह के टकराव होते रहते हैं और इनका स्थानीय स्तर पर समाधान कर लिया जाता है। इस मामले में भी टकराव का स्थानीय स्तर पर बातचीत के बाद समाधान कर लिया गया और इस दौरान किसी भी तरह की क्षति नहीं हुई है।
पिछले वर्ष गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प के बाद से अरुणाचल प्रदेश से लगती सीमा में पहली बार दोनों देशों के सैनिकों का आमना सामना हुआ है।
सूत्रों ने कहा कि सीमा क्षेत्र से संबंधित मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दोनों देशों के बीच शांति और मैत्री कायम की जाती रही है।
उन्होंने कहा कि आमतौर पर दोनों सेनाएं अपनी-अपनी अवधारणा के अनुसार अपने क्षेत्रों में नियमित गस्त करती हैं और जब कभी दोनों देशों के सैनिक व्यक्तिगत रूप से आमने-सामने होते हैं तो स्थिति का समाधान स्थापित प्रोटोकॉल और दोनों पक्षों द्वारा स्थापित प्रणाली के तहत किया जाता है। समस्या के समाधान के बाद दोनों देशों के सैनिक अपने-अपने क्षेत्रों में वापस लौट जाते हैं।
उल्लेखनीय है कि कुछ रिपोर्टों में कहा गया था कि भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश में पिछले सप्ताह कुछ चीनी सैनिकों को हिरासत में लिया था। संभवतः इसी घटनाक्रम के बाद स्थिति को स्पष्ट किया गया है।