नयी दिल्ली, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कहा कि भारत का आधुनिकीकरण जल प्रबंधन के आधुनिकीकरण पर निर्भर करता है और इस दिशा में गांव के सशक्तिकरण के लिये ‘स्थानीयकृत’ जल प्रबंधन पहल जरूरी है। राष्ट्रपति ने कहा कि अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी और मानवीय समानता की व्यवस्था के लिये जल बुनियादी जरूरत है। जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर यह विषय महत्वपूर्ण बन गया है।
पांचवें भारत जल सप्ताह..2017 को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा, ‘‘ मैं एक ऐसे जल प्रबंधन पहल की वकालत करता हूं जो स्थानीय जरूरतों के अनुरूप हो । यह ऐसी व्यवस्था हो जहां जल संसाधनों के प्रबंधन, आवंटन और उसके महत्व को समझने की क्षमता हो । ’’ उन्होंने कहा कि 21वीं सदी की जल नीति में ‘‘ जल की अहमियत के सिद्धांत’’ को रेखांकित किया जाना चाहिए । इसमें समुदाय समेत सभी पक्षों को जल के महत्तम सदुपयोग के बारे में प्रोत्साहित किया जाए ।
कोविंद ने कहा कि भारत में सरकार की कुछ महत्वाकांक्षी परियोजनओं में जल का प्रमुख स्थान है। इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी अगर यह कहा जाए कि भारत का आधुनिकीकरण उसके जल संसाधनों के आधुनिकीकरण पर निर्भर करता है। यह इसलिये आश्चर्यजनक नहीं है कि हमारे देश में दुनिया की 17 प्रतिशत आबादी और मात्र चार प्रतिशत जल संसाधन है। उन्होंने कहा कि ऐसे में जल का बेहतर और प्रभावी उपयोग हमारे देश की कृषि और उद्योग की दृष्टि से चुनौती है।