मॉस्को, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की विकास यात्रा में रूस की भूमिका की सराहना करते हुए आज कहा कि आने वाले दस साल में भारत और भी तेज़ गति से विकास करने वाला है और वैश्विक प्रगति में भारत का योगदान 15 प्रतिशत से कहीं ज़्यादा होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज सुबह रूस में भारतीय समुदाय के लोगों के साथ मुलाकात के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह कहा। उन्होंने रूस की यात्रा के दूसरे दिन सबसे पहले इस कार्यक्रम में भारत की विकास यात्रा का उल्लेख किया तथा भारत -रूस के अनूठे रिश्तों की विशेषता एवं देश के विकास में रूस के योगदान एवं आने वाले दिनों की भूमिका का ज़िक्र किया। श्री मोदी ने रूस में कज़ान और येकार्तेरिनबर्ग में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा, “चुनाव के दौरान मैं कहता था कि बीते 10 सालों में भारत ने जो विकास किया….वो तो सिर्फ एक ट्रेलर है। आने वाले 10 साल और भी तेज़ प्रगति के होने वाले हैं। सेमीकंडक्टर से इलैक्ट्रॉनिक विनिर्माण तक, ग्रीन हाइड्रोजन से इलैक्ट्रिक वाहन तक और विश्व स्तरीय आधारभूत ढांचा, भारत की नई गति, दुनिया के विकास का और मैं बहुत जिम्मेदारी से कह रहा हूं, दुनिया के विकास का अध्याय लिखेगी। आज वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि में 15 प्रतिशत का योगदान भारत कर रहा है। आने वाले समय में इसका और ज्यादा विस्तार होना तय है। दुनिया की गरीबी से लेकर जलवायु परिवर्तन तक, हर चुनौती को, चुनौती देने में भारत सबसे आगे रहेगा, और मेरे तो डीएनए में है चुनौती को चुनौती देना।” उन्होंने कहा, “ये अमर प्रेम की कहानी है दोस्तों। ये दिनों दिन बढ़ती रहेगी, सपनों को संकल्प में बदलती रहेगी और हमारे कठोर परिश्रम से हर संकल्प सिद्धि को पा करके रहेगा।”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, “मैं अपने साथ हिन्दुस्तान की मिट्टी की महक लेकर के आया हूं। मैं अपने साथ 140 करोड़ देशवासियों का प्यार लेकर के आया हूं। उनकी शुभकामनाएं आपके लिए लेकर के आया हूं और ये बहुत सुखद है कि तीसरी बार सरकार में आने के बाद भारतवंशियों से मेरा पहला संवाद यहां मॉस्को में आपके साथ हो रहा है।”
उन्होंने याद किया कि आज 9 जुलाई को उन्हें शपथ लिए एक महीना पूरा हुआ है। उन्होंने कहा, “आज से ठीक एक महीने पहले 9 जून को मैंने तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, और उसी दिन मैंने एक प्रण किया था। मैंने प्रण किया था कि अपने तीसरे कार्यकाल में, मैं तीन गुनी ताकत से काम करूंगा। तीन गुनी रफ्तार से काम करूंगा। और ये भी एक संयोग है कि सरकार के कई लक्ष्यों में भी तीन का अंक छाया हुआ है। सरकार का लक्ष्य है तीसरे कार्यकाल में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना, सरकार का लक्ष्य है तीसरे कार्यकाल में गरीबों के लिए तीन करोड़ आवास बनाना, तीन करोड़ घर बनाना, सरकार का लक्ष्य है तीसरे कार्यकाल में तीन करोड़ लखपति दीदी बनाना।”
उन्होंने कहा कि भारत में जो महिला स्वसहायता समूह चल रहे हैं गांव में। हम उनको इतना सशक्त करना चाहते हैं, उतना कौशल विकास करना चाहते हैं, इतना विविधीकरण करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि तीसरे कार्यकाल में गावों की जो गरीब महिलाएं हैं उसमें तीन करोड़ दीदी लखपति बनें। यानि उनकी सालाना आय 1 लाख रुपये से ज्यादा हो और हमेशा के लिए हो, बहुत बड़ा लक्ष्य है। लेकिन जब आप जैसे साथियों के आशीर्वाद होते हैं ना तो बड़े से बड़े लक्ष्य बहुत आसानी से पूरे भी होते हैं। आज का भारत जो लक्ष्य ठान लेता है वो पूरा करके ही रहता है। आज भारत वो देश है जो चंद्रयान को चंद्रमा पर वहां पहुंचाता है जहां दुनिया का कोई देश नहीं पहुंच सका। आज भारत वो देश है जो डिजीटल भुगतान प्रणाली का सबसे विश्वसनीय मॉडल दुनिया को दे रहा है।
उन्होंने कहा कि आज भारत वो देश है जो सामाजिक क्षेत्र की बेहतरीन नीतियों से अपने नागरिकों को सशक्त कर रहा है। आज भारत वो देश है जहां दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट अप ईकोसिस्टम है। जब 2014 में पहली बार लोगों ने जब उन्हें देश की सेवा करने का मौका दिया। तब कुछ सैंकड़ों में स्टार्ट अप हुआ करते थे, आज लाखों में है। आज भारत वो देश है जो रिकॉर्ड संख्या में पेटेंट फाइल कर रहा है, शोध पत्र प्रकाशित कर रहा है और यही देश के युवाओं की ताकत है, वही उनकी शक्ति है और दुनिया भी हिन्दुस्तान के नौजवानों की प्रतिभा को देखकर अचंभित भी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “पिछले 10 वर्षों में देश ने विकास की जो रफ्तार पकड़ी है, उसे देखकर दुनिया हैरान है। दुनिया के लोग जब भारत आते हैं…तो कहते हैं…भारत बदल रहा है। आप भी आते हैं तो ऐसा ही लगता है ना? वो ऐसा क्या देख रहे हैं? वो देख रहे हैं भारत का कायाकल्प, भारत का नव निर्माण, वो साफ-साफ देख पा रहे हैं। जब भारत जी-20 जैसे सफल आयोजन करता है, तब दुनिया एक स्वर से बोल उठती है, अरे भारत तो बदल रहा है। जब भारत सिर्फ दस वर्षों में अपने एयरपोर्ट्स की संख्या को बढ़ाकर दोगुना कर देता है, तो दुनिया कहती है वाकई भारत बदल रहा है। जब भारत सिर्फ दस साल में 40 हजार किलोमीटर से ज्यादा, ये आंकड़ा याद रखना, 40 हजार किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइन का विद्युतीकरण देता है…तो दुनिया को भी भारत की शक्ति का एहसास होता है। उनको लगता है देश बदल रहा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज जब भारत डिजिटल भुगतान के नए रिकॉर्ड बना रहा है, आज जब भारत एल-वन प्वाइंट से सूरज की परिक्रमा पूरी करता है…आज जब भारत दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल बनाता है, आज जब दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाता है, तो दुनिया कहती है वाकई भारत बदल रहा है। औऱ भारत कैसे बदल रहा है? कैसे बदल रहा है? भारत बदल रहा है, क्योंकि भारत अपने 140 करोड़ नागरिकों के सामर्थ्य पर भरोसा करता है। विश्व भर में फैले हुए भारतीयों का सामर्थ्य पर भरोसा करता है, गर्व करता है। भारत बदल रहा है, क्योंकि 140 करोड़ भारतीय अब विकसित देश बनने का सपना संकल्प लेकर के पूरा करना चाहते हैं। हिन्दुस्तान पूरा मेहनत कर रहा है, हर किसान कर रहा है, हर नौजवान कर रहा है, हर गरीब कर रहा है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में जो भारतीय भाई-बहन रहते हैं। आप सभी भारतीय अपनी मातृभूमि की उपलब्धियों पर सीना तानकर के, सर ऊंचा करके गर्व करते हैं। आप गर्व से बताते हैं कि आपका भारत आज किन बुलंदियों को छू रहा है। अपने विदेशी दोस्तों के सामने भारत का जिक्र आते ही आप देश की उपलब्धियों की पूरी लिस्ट रख देते हैं और वो सुनते ही रह जाते हैं। मैं जरा आप से पूछता हूं कि बताईये मैं जो कह रहा हूं सच है कि नहीं है? आप ऐसा करते हैं नहीं करते? आपका गर्व होता है कि नहीं होता है? दुनिया का आपकी तरफ देखने का नजरिया भी बदला है कि नहीं बदला है? ये 140 करोड़ देशवासियों ने करके दिखाया है। आज 140 करोड़ भारतीय दशकों से चली आ रही समस्याओं को सुलझाने में विश्वास करता है। कालीन के नीचे दबा कर के गुजारा करना देश को गवारा नहीं है दोस्तों।
उन्होंने कहा कि आज 140 करोड़ भारतीय हर क्षेत्र में सबसे आगे निकलने की तैयारी में जुटे रहते हैं। हम अपनी अर्थव्यवस्था को सिर्फ कोविड संकट से बाहर निकालकर के ही नहीं लाए बल्कि भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना दिया। हम अपने बुनियादी ढांचे की कमियां दूर तो कर ही रहे हैं, बल्कि हम वैश्विक मानक के मील के पत्थर गाड़ रहे हैं। हम सिर्फ अपनी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं सुधार रहे ऐसा नहीं है, बल्कि देश के हर गरीब को मुफ्त इलाज की सुविधा भी दे रहे हैं और दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना चलाते हैं आयुष्मान भारत। ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है। ये सब 140 करोड़ देशवासी कर रहे हैं। वो सपने भी देखते हैं, संकल्प भी करते हैं और सिद्धि के लिए जी-जान से जुटे रहते हैं। ये हमारे नागरिकों की मेहनत, लगन और निष्ठा से संभव हो रहा है।
प्रधानमंत्री माेदी ने कहा कि भारत में ये बदलाव सिर्फ व्यवस्था और बुनियादी ढांचों का ही नहीं है। ये बदलाव देश के हर नागरिक के, हर नौजवान के आत्मविश्वास में भी दिख रहा है। 2014 के पहले हम निराशा की गर्त में डूब चुके थे। हताशा, निराशा ने हमको जकड़ लिया था। आज देश आत्मविश्वास से भरा हुआ है। एक ही बीमारी के दो रोगी अस्पताल मे हों, उतने ही सामर्थ्यवान डॉक्टर हों, लेकिन एक निराशा में डूबा हुआ रोगी हो, दूसरा आत्मविश्वास से भरा हुआ, तो आत्मविश्वास से भरा हुआ रोगी कुछ ही हफ्तों में ठीक होकर के अस्पताल से बाहर आता है। निराशा में डूबा हुआ रोगी को किसी और को उठाकर लेके जाना पड़ता है। आज देश आत्मविश्वास से भरा हुआ है और ये हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी पूंजी है।
उन्होंने कहा, “आपने भी हाल में टी-ट्वेंटी विश्व कप क्रिकेट में, अब मुझे पक्का विश्वास है कि यहां भी आपने उस जीत को मनाया ही होगा। विश्व कप को जीतने की असली कहानी, जीत की यात्रा की भी है। आज का युवा और आज का युवा भारत, आखिरी बॉल और आखिर पल तक हार नहीं मानता है, और विजय उन्हीं के चरण चूमती है जो हार मानने को तैयार नहीं होते। ये भावना सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं है, बल्कि दूसरे खेलों में भी दिख रही है। बीते सालों में हर अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में हमारे एथलीटों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किए हैं। इस बार पेरिस ओलंपिक्स में भी भारत की तरफ से एक शानदार टीम भेजी जा रही है। आप देखिएगा…पूरी टीम, सारे एथलीट्स, कैसे अपना दम दिखाएंगे। भारत की युवाशक्ति का यही आत्मविश्वास, भारत की असली पूंजी है। और यही युवाशक्ति भारत को 21वीं सदी की नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने का सबसे बड़ा सामर्थ्य दिखाती है।”
प्रधानमंत्री मोदी भारत एवं रूस के बीच संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि वैश्विक समृद्धि को नई ऊर्जा देने के लिए भारत औऱ रूस कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। यहां मौजूद प्रवासी भारतीय सभी लोग भारत और रूस के संबंधों को और नई ऊंचाई दे रहे हैं। उन्होंने अपनी मेहनत से, अपनी ईमानदारी से रूस के समाज में अपना योगदान दिया है।
उन्होंने कहा, “मैं दशकों से भारत और रूस के बीच जो अनोखा रिश्ता है, उसका कायल रहा हूं। रूस शब्द सुनते ही… हर भारतीय के मन में पहला शब्द आता है… भारत के सुख-दुख का साथी… भारत का भरोसेमंद दोस्त। हमारे रूसी मित्र इसे द्रुजबा कहते हैं, और हम हिंदी में इसे दोस्ती कहते हैं। रूस में सर्दी के मौसम में तापमान कितना ही माइनस में नीचे क्यों न चला जाए…भारत-रूस की दोस्ती हमेशा प्लस में रही है, गर्मजोशी भरी रही है। ये रिश्ता परस्पर भरोसा और आपसी सम्मान की मज़बूत नींव पर बना है।” उन्होंने मशहूर फिल्मकार राज कपूर एवं मिथुन चक्रवती को याद करते हुए कहा, “वो गाना तो यहां के घर-घर में कभी गाया जाता था। सर पे लाल टोपी रूसी, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी…ये गीत भले पुराना हो गया हो, लेकिन भावनाएं सदाबहार हैं। पुराने समय में श्रीमान राज कपूर श्रीमान मिथुन दा, ऐसे कलाकारों ने भारत और रूस की संस्कृति की दोस्ती को मजबूत किया…भारत-रूस के रिश्तों को हमारे सिनेमा ने आगे बढ़ाया…और आज आप सभी भारत-रूस के रिश्तों को नई ऊंचाई दे रहे हैं। हमारे रिश्तों की दृढ़ता अनेक बार परखी गई है। और हर बार, हमारी दोस्ती बहुत मजबूत होकर के उभरी है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “भारत-रूस की इस दोस्ती के लिए वह विशेष रूप अपने मित्र राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के नेतृत्व की भी सराहना करूंगा। उन्होंने दो दशक से ज्यादा समय तक इस साझीदारी को मज़बूती देने के लिए शानदार काम किया है। बीते 10 सालों में मैं छठीं बार रूस आया हूं। और इन सालों में हम एक दूसरे से 17 बार मिले हैं। ये सारी मुलाकातें, भरोसा एवं आदर को बढ़ाने वाली रही हैं। जब हमारे विद्यार्थी संघर्ष के बीच फंसे थे, तो राष्ट्रपति श्री पुतिन ने उन्हें वापस भारत पहुंचाने में हमारी मदद की थी। मैं रूस के लोगों का, मेरे मित्र राष्ट्रपति श्री पुतिन का इसके लिए भी फिर से आभार व्यक्त करता हूं।”
प्रधानमंत्री ने कि आज बड़ी संख्या में हमारे नौजवान, रूस में पढ़ाई के लिए आते हैं। यहां अलग-अलग राज्यों की एसोसिएशन्स भी हैं। इससे हर राज्य के त्योहारों, खान-पान, भाषा-बोली, गीत-संगीत की विविधता भी यहां बनी रहती है। यहां होली-दीवाली से लेकर हर त्योहार धूमधाम से मनाये जाते हैं। भारत के स्वतंत्रता दिवस को भी यहां उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। उन्होंने कहा, “मैं आशा करूंगा इस बार 15 अगस्त तो और शानदार होनी चाहिए। पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भी हज़ारों लोगों ने यहां भागीदारी की थी। मुझे एक और बात देखकर और भी अच्छा लगता है। यहां जो हमारे रशियन दोस्त हैं, वो भी इन त्योहारों को मनाने के लिए उतने ही जोश से आपके साथ शामिल होते हैं। ये जनता के बीच कनेक्ट, सरकारों के दायरे से बहुत ऊपर होता है और वो एक बहुत बड़ी ताकत भी होता है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारे संबंधों का एक प्रतीक अस्त्राखान का इंडिया हाउस भी है। 17वीं शताब्दी में गुजरात के व्यापारी वहां बसे थे। जब मैं गुजरात का नया-नया मुख्यमंत्री बना था, तब मैं वहां गया था। दो साल पहले उत्तर दक्षिण परिवहन कॉरीडोर से पहला वाणिज्यिक कन्साइनमेंट भी यहां पहुंचा। ये गलियारें मुंबई और आस्त्राखान की पोर्ट सिटी को आपस में जोड़ता है। अब हम चेन्नई-व्लादिवोस्तोक पूर्वी समुद्री कॉरीडोर पर भी काम कर रहे हैं। हम दोनों देश, गंगा-वोल्गा सभ्यता पर संवाद से एक दूसरे को गहरायी से समझने की कोशिश कर रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “2015 में जब मैं यहां आया था, तब मैंने कहा था कि 21वीं सदी भारत की होगी। तब मैं कह रहा था, आज दुनिया कह रही है। दुनिया के सभी विशेषज्ञ उनके बीच में इस विषय में अब कोई विवाद नहीं रहा है। सब कहते हैं 21वी सदी भारत की सदी है। आज विश्व बंधु के रूप में भारत दुनिया को नया भरोसा दे रहा है। भारत की बढ़ती क्षमताओं ने पूरी दुनिया को स्थिरता एवं समृद्धि की उम्मीद दी है। नयी उभरती बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था में भारत को एक मजबूत स्तंभ के रूप में देखा जा रहा है। जब भारत शांति, संवाद एवं कूटनीति की बात कहता है, तो पूरी दुनिया सुनती है। जब भी दुनिया पर संकट आता है, तो भारत सबसे पहले पहुंचने वाला देश बनता है। और भारत, दुनिया की उम्मीदों को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा। लंबे समय तक दुनिया ने एक प्रभावोन्मुखी वैश्विक व्यवस्था देखा है। आज की दुनिया को प्रभाव की नहीं समागम की ज़रूरत है। ये संदेश, समागमों और संगमों को पूजने वाले भारत से बेहतर भला कौन समझ सकता है? कौन दे सकता है?”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आप सभी, रूस में भारत के ब्रैंड एंबेसेडर्स हैं। जो यहां मिशन में बैठते हैं ना वो राजदूत हैं और जो मिशन के बाहर हैं ना वो राष्ट्रदूत हैं। आप ऐसे ही रूस और भारत के रिश्तों को मज़बूत बनाते रहें।” उन्होंने कहा कि 60 साल के बाद हिन्दुस्तान में कोई सरकार तीसरी बार चुनी जाए ये अपने आप में बहुत बड़ी बात है। लेकिन इस चुनावों में सबका ध्यान, सारे कैमरा मोदी पर लगे रहे, उसके कारण कई और महत्वपूर्ण घटनाओं की तरफ लोगों का ध्यान नहीं गया। जैसे इस चुनाव के समय चार राज्यों में भी चुनाव हुए और अरूणाचल प्रदेश, सिक्किम, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा और इन चारों राज्यों में राजग भारी बहुमत के साथ विजयी हुआ। और अभी-अभी तो महाप्रभु जगन्नाथ जी की यात्रा चल रही है, जय जगन्नाथ। उड़ीसा ने तो बहुत बड़ी क्रांति किया है और इसलिए मैं भी आज आपके बीच में उड़िया स्कार्फ पहनकर आया हूं। आप सब पर महाप्रभु जगन्नाथ जी के आशीर्वाद बने रहे, आप स्वस्थ रहें, आप समृद्ध रहें।”