भीख मांगने से बेहतर है, महिला डांस बार में नाचे- सुप्रीम कोर्ट

dance barनई दिल्ली, सड़क पर भीख मांगने और गलत एवं गैरकानूनी ढंग से पैसा कमाने से बेहतर है कि कोई महिला डांस बार में काम करके ही पैसे कमा ले। यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मुंबई डांस बार मामले में सुनवाई करते हुए की है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी न किसी बहाने से महाराष्ट्र सरकार डांस बार पर प्रतिबन्ध लगाने की कोशिश न करे। डांस बार में काम करके अगर कोई महिला पैसे कमाती है तो ये उसका संवैधानिक हक है। अब इस मामले की 10 मई को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया है कि डांस बार के कर्मचारियों का पुलिस वेरिफिकेशन कर एक सप्ताह में डांस बार संचालकों को लाइसेंस जारी करें। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि स्कूल कॉलेज से एक किलोमीटर के दायरे में डांस बार का लाइसेंस न दिए जाने की शर्त को भी वो हटायें। सरकार ने कहा हम शर्तों में बदलाव करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार कह रही है कि वो रेगुलेट कर रही है लेकिन उसके मन में डांस बार को प्रतिबंधित करना है। कोर्ट में।ैळ पिंकी आनंद को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप बार की सीनियर सदस्य हैं, आप राज्य सरकार को बता दीजिए कि जब एक बार सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक दायरे को देखते हुए आदेश पास कर दिया तो फिर राज्य सरकार कैसे आदेश का पालन करने से इनकार कर सकती है। कोर्ट ने कहा कि एक ओर तो सरकार बार के लाइसेंस जारी कर रही है लेकिन दूसरी ओर डांस बार के लाइसेंस देने में कमियां निकाल रही है। सरकार ने बार और होटल के लिए फायर का एनओसी दिया लेकिन डांस के लिए कह रही है कि शर्तें पूरी नहीं है। यह सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 10 मई को फिर जवाब देने को कहा है। इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने हलफनामा दाखिल किया है और सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 115 डांस बार ने पुलिस के निरीक्षण के लिए आमंत्रण नहीं दिया। 39 डांस बारों के निरीक्षण में पाया गया कि उन्होंने 26 शर्तों का पालन नहीं किया है। 4 को लाइसेंस दिए गए लेकिन दोबारा जांच के दौरान पाया गया कि उन्हें गलत लाइसेंस जारी हुए, लाइसेंस वापस हुए और पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई हुई। ज्ञात हो कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने पहले जारी आदेश का पालन नहीं होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा था। कोर्ट ने डीसीपी लाइसेंसी को कोर्ट में हाजिर होने को कहा था। इसके साथ ही कोर्ट द्वारा जारी निर्देशों के पालन के लिए राज्य सरकार ने क्या किया इसे बताने के लिए महाराष्ट्र सरकार को हलफनामा दायर करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार पर सवाल उठाया था कि उसके आदेश के पालन के लिए कितने प्रयास किए गए। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने डांस बार मालिकों को लाइसेंस देने के लिए सीमा तय की थी जिसका पालन राज्य सरकार ने नहीं किया। इस संबंध में डांस बार संचालकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हुई है।

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