नयी दिल्ली , डिजिटल लेन-देन के लिए सरकारी ऐप भीम को अब तक 50 लाख लोग डाउनलोड कर चुके हैं । केंद्रीय वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यहां भारतीय जनता पार्टी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अंतिम दिन बैठक में पारित आर्थिक प्रस्ताव की जानकारी देने के लिए बुलाये गये संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में बताया कि भारत इंटरफेस फार मनी ;भीमद्ध ऐप को आधारकार्ड से जोड़ा गया है। उन्होंने इसे क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि इससे सभी लेन-देन सामने आएगा आैर आयकर वसूलना आसान हाेगा । अभी मात्र 24 लाख लोग ही अपनी आय सालाना 10 लाख रुपये से ज्यादा दिखाते हैं।
सुश्री सीतारमण ने कहा कि भीम ऐप को डाउनलोड करना और इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है । यह सभी भारतीय भाषाओं में होगा और बगैर इंटरनेट की काम करेगा।
इससे पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी में पारित आर्थिक प्रस्ताव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस नव वर्ष की शुरुआत में देश के सर्वसमाज के लिए समर्पित भीम को लांच किया है । यह बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर द्वारा निर्मित भारतीय संविधान के सामाजिकए आर्थिक और राजनीतिक न्याय के संकल्पों को पूरा करने में सार्थक सिद्ध होगा ।डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के सरकार के कदम को देश को भ्रष्टाचारमुक्त बनाने की दिशा में बड़ी
पहल बताया गया । डिजिटल लेन.देन को पूरी तरह व्यावहारिक बताते हुए कहा गया है कि देश में 107 करोड़ से ज्यादा मोबाइल फ़ोन हैए 147 करोड़ बैंक अकाउंट में से 117 करोड़ सेविंग अकाउंट एवं 25 करोड़ जनधन अकाउंट हैं। 35 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफ़ोनए 40 करोड़ से ज्यादा आधार नंबर से खातों का जुड़ाव एवं 75 करोड़ से ज्यादा डेबिट कार्ड
हैं जो भारत को डिजिटल कारोबारी व्यवस्था बनाने के लिए सक्षम प्लेटफार्म है।
केंद्र सरकार द्वारा कैशलेस ट्रांजेक्शन बढ़ाने के लिए यूपीआईए यूएसएसडीए एईपीएस एवं रुपे.कार्ड के प्रयोग को बढ़ाना स्वागतयोग्य है।
पार्टी का यह स्पष्ट मानना है कि डिजिटल अर्थव्यवस्था से जहां एक ओर देश में करों की चोरी रोकी जाएगी वहीं औद्योगिक विवाद अधिनियमए न्यूनतम वेतन अधिनियमए बोनस का भुगतान अधिनियमए कारखाना अधिनियमए संविदा मजदूर अधिनियम तथा इस प्रकार के अन्य कानूनों से गरीबों के हित सुनिश्चित होगा ।
देश में मनरेगाए निर्धन छात्रों को छात्रवृत्तिए वंचित वर्गों को सब्सिडीए अनुसूचित जातिध्अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के लिए लाभकारी योजनाओं में सरकार के डिजिटल ट्रांजैक्शन से बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है। सरकार की डिजिटल व्यवस्था के इस कदम से ईमानदार मध्यमवर्गीय करदाताए छोटे व्यापारीए छोटे कामगारए छोटे प्रोफेशनल को नयी ताकत मिली है। यह वर्ग अभी तक कालाबाजारी से परेशान था ।