नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचारियों और कालाधन रखने वाले को माफ नहीं करने का आज संकल्प जताया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सत्ता के गलियारों को दलालों से मुक्त किया और फर्जी लाभार्थियों का पता लगाया जिससे 90,000 करोड़ रुपये की बचत हुई।
मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुये ईमानदार करदाताओं का देश के विकास में योगदान करने के लिये धन्यवाद किया। सिर पर केसरिया पगड़ी और सफेद कुर्ता, पजामा पहने प्रधानमंत्री ने 82 मिनट के अपने संबोधन में कहा कि भाई-भतीजावाद और पक्षपात की राजनीति समाप्त हुई है और रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। मोदी ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार करने और कालाधन रखने वालों को छोड़ा नहीं जायेगा। उन लोगों ने देश को नुकसान पहुंचाया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के गलियारे अब सत्ता के दलालों से मुक्त हैं। एक समय था सत्ता के दलालों की बातें सुनी जाती थी लेकिन अब गरीबों की आवाज सुनी जाती है।’’
प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अपने पांचवें संबोधन में तीन लाख मुखौटा कंपनियों पर की गयी कार्रवाई का जिक्र किया जिनका उपयोग गलत तरीके से कमाये गये धन को वैध बनाने में किया जाता था। कर नहीं देने वालों को कर के दायरे में लाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि करदाताओं की संख्या 3.5 – 4 करोड़ से बढ़कर 6.75 करोड़ रुपये हो गयी। उन्होंने कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद पिछले एक साल में अप्रत्यक्ष करदाताओं की संख्या 70 लाख से बढ़कर 1.16 करोड़ पहुंच गयी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने वास्तविक लाभार्थियों को सीधे लाभ देकर फर्जी लोगों को हटाया है। इससे उन छह करोड़ लाभार्थियों के नाम हटाये गये हैं जो रसोई गैस सब्सिडी, पेंशन और छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं का लाभ ले रहे थे। इससे देश को 90,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। उन्होंने कहा कि देश आज ‘ईमानदारी का त्योहार’ मना रहा है। मोदी ने जोर देकर कहा कि देश के ईमानदार करदाताओं की देश की प्रगति में बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा, ‘‘उनकी वजह से कई लोगों को खाना मिल रहा है और गरीबों के जीवन में बदलाव आ रहा है।’’
मोदी ने यह भी कहा कि मुद्रा योजना के तहत 13 करोड़ लोगों को कर्ज दिये गये। इससे रोजगार सृजन में मदद मिली है। इन 13 करोड़ लोगों में से चार करोड़ ने पहली बार कर्ज लिये। किसी राजनीतिक दल का नाम लिये बिना मोदी ने जीएसटी के क्रियान्वन में देरी को लेकर सवाल उठाया। बहुप्रतीक्षित जीएसटी एक जुलाई 2017 को लागू हो गया। मोदी ने कहा कि शुरूआती कठिनाइयों के बावजूद व्यापारियों ने अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को स्वीकार किया।