भुज, गुजरात के कच्छ ज़िले में एक मंदिर में प्रवेश करने वाले दलित परिवार पर हमला करने के 19 आरोपियों में से पांच को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है।
ज़िले के भचाउ तालुक़ा के नेर गांव में गत 20 अक्टूबर को स्थानीय राम मंदिर में एक अन्य समुदाय द्वारा आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान इसमें प्रवेश करने वाले गांव के ही एक दलित परिवार की एक महिला समेत छह लोगों को दूसरे समुदाय के 19 लोगों ने हमला कर घायल कर दिया था। उन लोगों ने उनके खेत को भी नुक़सान पहुंचाया था। इस संबंध में भचाउ थाने में दो अलग अलग प्राथमिकी दर्ज कर कुल 19 लोगों को आरोपी बनाया गया है । यह मामले भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 323 (चोट पहुंचाना), 324 (घातक हथियारों से चोट पहुंचाना), 452 (बिना अनुमति किसी के आहते में प्रवेश), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) , 506 ( धमकी देना), 395 (डकैती) 397 (डकैती के दौरान हमला कर घायल करना) तथा गाली देने और फ़साद करने से जुड़ी धाराओं के अलावा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत दर्ज किए गए हैं।
मामले के अनुसंधान अधिकारी और भचाउ के पुलिस उप अधीक्षक के जी झाला ने आज यूएनआई को बताया कि आरोपियों में से पांच को पुलिस ने कल रात लगभग साढ़े दस बजे हिरासत में ले लिया गया और नए नियम के अनुरूप कोरोना जांच के बाद देर रात विधिवत गिरफ्तार कर लिया गया। बाक़ी 14 आरोपियों की भी तलाश आधा दर्जन से अधिक पुलिस टीमें कर रही हैं। सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में चोट लगने से घायल छह लोगों को भुज के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस के अनुसार आरोपियों ने 26 अक्टूबर को दलित परिवार के लोगों को दो बार हमला कर निशाना बनाया था। आरोप है कि काना अहिर और अन्य आरोपियों ने पहले दलित गोविंद वाघेला (40) के खेत को नुक़सान पहुंचाया और उन्हें रोकने पर गोविंद और उनके चाचा गणेश वाघेला को लाठी डंडे और अन्य हथियारों से मारपीट कर घायल कर दिया। इसके बाद वे उनके घर पहुंचे और उनके पिता जगा वाघेला(64), पत्नी बद्धिबेन, बेटे भूरा वाघेला तथा भतीजे हसमुख को भी हमला कर घायल कर दिया। हमलावर दलित परिवार के लोगों के मंदिर में प्रवेश करने की घटना को लेकर उनको जाति सूचक गालियां भी दे रहे थे।