इम्फाल, मणिपुर में विभिन्न थानों और अदालतों पर धावा बोलने के दौरान सुरक्षाकर्मियों की ओर से की गयी गोलीबारी में एक महिला पत्रकार सहित 12 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं। प्रशासन ने स्थिति बिगड़ने पर इंफाल पश्चिम तथा इंफाल पूर्व जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
इस बीच मणिपुर पुलिस द्वारा पांच नागरिकों की गिरफ्तारी के खिलाफ बुलाए गए 48 घंटे का बंद बुधवार की मध्यरात्रि को समाप्त हो गया।सार्वजनिक सभा में हथियार और गोला-बारूद रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के सरकार के फैसले के विरोध में लंगथबल केंद्र क्लब की समन्वय समिति, लंगथबल केंद्र मीरा पाइबी समन्वय समिति, ऑल कोंगबा रोड यूनाइटेड क्लब ऑर्गनाइजेशन, कुरोमाखोंग यूनाइटेड क्लब, सगोलबैंड अपुनबा लुप, खुरई अहोंगेई थांगजम लीकाई क्लब ने लोगों से नजदीकी थानों में गिरफ्तारियां देने को कहा। इस आह्वान के बाद लोग भारी बारिश के बावजूद थाने की ओर मार्च करने के लिए निकले, लेकिन सुरक्षाकर्मियों और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के जवानों को तैनात करके उन्हें रोक दिया गया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि तीन मई को चुराचांदपुर जिले में दो जातीय समूहों के बीच झड़प शुरू होने के बाद लोगों को अपना बचाव करने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि भारी हथियारों से लैस लोग आम लोगों पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी उन लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं, जो घाटी के इलाकों में लोगों का बचाव कर रहे है, जबकि एक अन्य युद्धरत जातीय समूह के लोग तीन पहाड़ी जिलों कांगपोकपी, चुराचांदपुर और तेंगनौपाल में खुलेआम घूम रहे हैं।
उन्होंने कहा कि चुराचांदपुर में स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान आतंकवादियों और नागरिकों ने हथियारों का लहराया और सभी नियमों, प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए जुलूस में भाग लिया, लेकिन एक भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हिंसा ख़त्म करने के लिए राज्य के सभी हिस्सों में समान कार्रवाई की मांग करते हुए नारे लगाए।