नई दिल्ली, मनोहर पर्रिकर ने गोवा का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होने रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली को रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया है.
मनोहर पर्रिकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना इस्तीफा सौंपा. पीएमओ ने उसके इस्तीफे को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा. राष्ट्रपति की मुहर के बाद जेटली को रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया.
गोवा विधानसभा चुनाव के बाद तेजी से बदले सियासी घटनाक्रम में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. अब वह 14 मार्च को शाम पांच बजे एक बार फिर गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. बीजेपी को समर्थन देने वाली एमजीपी के नेता सुधीर ढवलीकर को उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा.
पर्रिकर ने रविवार को ही राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था.पर्रिकर ने 21 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. विधायकों के समर्थन का पत्र लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ पर्रिकर राजभवन पहुंचे.राज्यपाल ने शपथ ग्रहण के बाद 15 दिनों के भीतर पर्रिकर को बहुमत साबित करने को कहा है. बीजेपी को समर्थन देने के लिए तैयार महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP) ने शर्त रखी थी कि अगर मनोहर पर्रिकर को गोवा का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा तभी वो समर्थन देगी.MGP के 3 विधायक चुनकर आए हैं. गोवा में बीजेपी को सत्ता में लाने के लिए 9 विधायकों की जरूरत है. उनके समर्थन से बीजेपी 13 से 16 तक तो पहुंच जाएगी.
MGP के अलावा गोवा फॉरवर्ड भी मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व को लेकर सकारात्मक है. इस गुट के पास भी 3 विधायकों का संख्याबल है. अगर गोवा फॉरवर्ड भी समर्थन दे तो बीजेपी बहुमत के और करीब पहुंच जाएगी और उसके पास 19 विधायकों का समर्थन हो सकता है.गोवा में 3 निर्दलीय विधायक हैं. इनमें रोहन खंवटे, गोविन्द गावड़े और प्रसाद गांवकर शामिल हैं. इनके रुख पर सबकी नजरें टिकी हैं.