नयी दिल्ली, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने नारी शक्तिकरण की सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा है कि नारीशक्ति का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए हर स्तर पर काम किया जा रहा है तथा जल, थल, नभ एवं अंतरिक्ष में बेटियों की भूमिका का विस्तार किया गया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के बजट सत्र के शुरू होने पर यहां नये संसद भवन में लोकसभा के सदन में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि तीन दशक बाद, नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित करने से लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित हुई है। उन्होंने कहा कि यह “वीमेन लेड डेवलपमेंट” के सरकार के संकल्प को मजबूत करता है।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत की भव्य इमारत मज़बूत स्तंभों युवाशक्ति, नारीशक्ति, किसान और गरीब पर खड़ी होगी। हाल में ही 10 करोड़ उज्ज्वला के गैस कनेक्शन पूरे हुए हैं। इन लाभार्थी बहनों को बहुत सस्ती गैस भी दी जा रही है। इस पर सरकार ने ढाई लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष की गणतंत्र दिवस परेड भी नारीशक्ति के लिए समर्पित थी और दुनिया ने हमारी बेटियों के सामर्थ्य की झलक देखी। सरकार ने जल, थल, नभ और अंतरिक्ष, हर तरफ बेटियों की भूमिका का विस्तार किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। लगभग 10 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ चुकी हैं। इन समूहों को आठ लाख करोड़ रुपए बैंक ऋण और 40 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। सरकार दो करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का अभियान चला रही है। उन्होंने कहा कि नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत, समूहों को 15 हजार ड्रोन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। मुद्रा योजना के तहत जो 46 करोड़ से ज्यादा ऋण दिए गए हैं उनमें करीब 31 करोड़ से ज्यादा ऋण महिलाओं को मिले हैं। इस योजना से लाभ लेकर करोड़ों महिलाओं ने स्वरोजगार शुरु किया है। मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह करने से देश की लाखों महिलाओं को बहुत मदद मिली है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि महिलाओं को पहली बार सशस्त्र बलों में परमानेंट कमीशन दिया है। सैनिक स्कूलों और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में महिला कैडेट्स को प्रवेश दिया गया है। महिलाएं फाइटर पायलट भी हैं और नौसेना के जहाज को भी पहली बार कमांड कर रही हैं।
उन्होेंने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की वजह से देश में शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव हो रहे हैं। इस वजह से माता मृत्यु दर में भी भारी गिरावट आई है। एक और अध्ययन के अनुसार, उज्ज्वला योजना के लाभार्थी परिवारों में, गंभीर बीमारी की घटनाओं में कमी आई है।