वडोदरा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात के वडोदरा में 21,000 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया और कहा कि वडोदरा मातृशक्ति के उत्सव के लिए एक उपयुक्त नगर है क्योंकि यह मां की तरह संस्कार देने वाला शहर है, वडोदरा संस्कार की नगरी है। ये शहर हर प्रकार से यहां आने वालों को संभालता है। सुख-दुख में साथ देता है और आगे बढ़ने के अवसर देता है।
श्री मोदी ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिवस उनके लिए मातृ वंदना का दिवस है। आज प्रात: जन्मदात्री मां का आशीर्वाद लिया। उसके बाद जगत जननी मां काली का आशीर्वाद लिए और अभी मातृशक्ति के विराट रूप के दर्शन करके उनके आशीर्वाद लिए। उन्हें पावागढ़ में मां के भक्तों के लिए आधुनिक सुविधाएं अर्पित करने का अवसर मिला। उन्होंने मां से देशवासियों की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की और आज़ादी के अमृतकाल में स्वर्णिम भारत के संकल्प की सिद्धि का आशीर्वाद मांगा। उन्हें खुशी है कि संस्कार नगरी वड़ोदरा से आज करीब 21 हजार करोड़ रुपये के विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है।
उन्होंने कहा यह प्रोजेक्ट गुजरात के विकास से भारत का विकास इस प्रतिबद्धता को बल देने वाला है। गरीबों के घर,उच्च शिक्षा और बेहतर संपर्क पर इतना बड़ा निवेश गुजरात के औद्योगिक विकास को विस्तार देगा। यहां के युवाओं के लिए रोजगार, स्वरोजगार के लिए अनगिनत अवसर निर्मित करेगा। इन प्रोजेक्ट में भी अधिकतर हमारी बहन-बेटियों के स्वास्थ्य, पोषण और सशक्तीकरण से जुड़े हैं। आज यहां लाखों की संख्या में माताएं बहनें हमें आशीर्वाद देने भी आई हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह गुजरात सरकार का, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल का और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी आर पाटिल का विशेष रूप से आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं का तेज विकास उनका सशक्तीकरण उतना ही जरूरी है। आज भारत महिलाओं की आवश्यकता उनकी आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बना रहा है, निर्णय ले रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं के लिए अपनी पसंदीदा काम करने के लिए सारे रास्ते खोल दिए हैं। हमने महिलाओं के जीवन चक्र के हर पड़ाव को ध्यान में रखते हुए अनेक नयी योजनाएं बनाई हैं। गुजरात में महिलाओं को हर स्तर पर आगे बढ़ाने के लिए, निर्णय लेने की जगहों पर अधिक अवसर देने के लिए हमने प्रयास किए हैं। महिलाओं की प्रबंध क्षमता को समझते हुए ही गांव से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट में बहनों को नेतृत्व की भूमिका दी गई है। महिलाओं का जीवन आसान बनें, उनके जीवन से मुश्किलें कम हो,उन्हें आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलें, ये हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।
उन्होंने कहा कि दो दशक पहले जब गुजरात ने उन्हें सेवा का अवसर दिया तो कुपोषण यहां एक बहुत बड़ी चुनौती थी, तब से इस दिशा में काम करना शुरू किया, जिसके सार्थक परिणाम आज हमें देखने को मिल रहे हैं।