इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष डाॅ0 लाल जी प्रसाद निर्मल ने बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष पर आरोप लगाया कि दलितों के वोट बैंक की बदौलत उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रही सुश्री मायावती ने कभी उनके उत्थान के बारे में विचार नहीं किया।
दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री ने सर्किट हाउस में संवाददाताओं से कहा कि सभी पार्टियों ने दलितों के वोट बैंक को अपने हित के लिये भुनाया है। उनके विकास के लिए किसी ने कोई काम नहीं किया। प्रदेश में चार पर मुख्यमंत्री रहने के बावजूद दलितों की मसीहा कहलाने वाली सुश्री मायावती ने उन्हे विकास के मुख्यधारा में जोड़ने का विचार नहीं किया।
डाॅ0 निर्मल ने कहा कि पिछली सरकारों ने दलितों के विकासए रोजगार के बारे में कभी गंभीर हुई ही नहीं। उसको केवल वोट बैंक के रूप में भुनाते रहे। उनके साथ अत्याचार होते रहे कभी उनकी स्थिति का जायजा लेने कोई नहीं गया। भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार दलितए शोषितए कुचलेए पिछड़े सभी के लिए योजनायें लाकर उनको स्वावलंबी बनाने की दिशा में आगे बढ रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार दलितों के उत्थान में कारोबार को एक नई दिशा देकर अहम भूमिका का निर्वहन किया है। काराेबार की रीढ़ समझा जाने वाला दलित अब श्री मोदी की योजनाओं की बदौलत स्वरोजगार के राह पर चलने को तैयार है। दलित समाज को हाशिए से उठाया गयाए वह सरकारी योजनाओं की मदद से आज दूसरों को रोजगार देने की दिशा में आगे बढ रहे हैं।
डॉ0 निर्मल ने कहा कि दलितों के वोट बैंक की बदौलत उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रही सुश्री मायावती को दलितों को रोजगार से जोडना चाहिए था। उन्होंने दलितों को जातियों में बांटकर डा भीमराव अम्बेडकर के विचारों का कत्ल कर दिया गया। दलितों को रोजगार से जोड़ने का कभी काम नहीं किया। वोट की सियासत दलितों के विकास पर भारी पड़ती रही है। यह दुर्भाग्य रहा कि दलित केवल वोट बैंक बनकर रह गया। वह कभी इस पाले में तो कभी दूसरे पाले का शिकार ही रहा है। उसकी आर्थिक मजबूती को लेकर कोई काम नहीं किया गया।
डाॅ0 निर्मल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार दलितों के विकास को लेकर नए सिरे से काम कर रही है। दलित उत्थान केन्द्र और प्रदेश सरकार के एजेंडे में है। विकास की रोशनी हाशिए के समाज तक पहुंचे यह सुनिश्चित करने का काम पहली बार हो रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की स्टैंडअप इंडिया और स्टार्टअप इंड़िया की योजनाओं ने दलितों को काराबेार की दिशा में बढ़ने में मदद की है। उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम भी दलितों के सशक्तिकरण को लेकर छह से अधिक योजनाएं चला रहा है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं का भी लाभ उठाकर अनुसुचित जाति के लोग छोटा या मझोला कारोबार कर सकते हैं।
अध्यक्ष ने कहा अखिलेश यादव सरकार ने जिन दलित कर्मचारियों का आनन.फानन में पदावनति किया वह उनकी बडी चूक थी। केन्द्र की मोदी सरकार सुधार की इस दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ष्प्रमोशन में रिजर्वेशनष् खत्म होने की पटकथा तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती सरकार 2007 में लिखी गयी थी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा अभी तक प्रोमोशन में आरक्षण को लेकर कोई बयान नध्न आना बड़ा सवाल खडा करता है। इससे लगता है कि अखिलेश आज भी दलितों के प्रमोशन में रिजर्वेशन के विरोध में खडे लगते हैं। वह दलितों का वोट तो हासिल करना चाहते हैं लेकिन प्रमोशन में रिजर्वेशन को लेकर खुलकर कुछ भी नहीं बोलना चाहते।