लखनऊ, बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने राष्ट्रीय महासचिव को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।इसके बाद उनके समर्थकों ने पार्टी छोड़नी शुरू कर दी है।इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य, आरके चौधरी और नसीमुद्दीन सिद्दी जैसे बड़े नेता बसपा से बाहर हो चुके हैं।
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पार्टी से बाहर किए जाने के बाद इंद्रजीत सरोज ने आरोप लगाते हुए कहा कि मायावती ने उनसे 9 से 22 लाख रूपये हर विधानसभा के हिसाब से मांगे थे। जब हमने इसे पूरा न कर पाने की बात कही तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इंद्रजीत सरोज ने आज करीब 250 लोगो के साथ जिलाध्यक्ष हरीलाल बौद्ध को इस्तीफा सौंपा।
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इन्द्रजीत सरोज ने कहा कि पैसे के चक्कर में मायावती और बीएसपी बर्बाद हो जाएंगी। उन्होने कहा कि मायावती जी ने आठ जुलाई को पूरे प्रदेश के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इसमें जिला प्रभारी, जिलाध्यक्ष समेत सभी बड़े नेताओं को बुलाया गया था। बैठक में मायावती ने कहा कि मुझे पैसे की जरूरत है। उन्होंने ये भी कहा कि जो लोग चुनाव जीते हैं या हारे हैं सभी से हर विधानसभा क्षेत्र से 9 से 22 लाख रुपये चाहिए।
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इंद्रजीत सरोज ने कहा कि इसके बाद जोन के इंचार्ज की मीटिंग में मुझसे कहा गया कि पैसे दीजिए। मैंने कहा कि मैं अब चुनाव नहीं लड़ूंगा और मैं पैसे भी नहीं दे पाऊंगा। कल मेरे पास शाम पांच बजे मायावती जी का फोन आया उन्होंने पूछा कि तुमने ऐसा कहा है क्या। तो मैंने कहा कि मैं संगठन में काम करना चाहता हूं, चुनाव नहीं लडऩा चाहता। मायावती ने कहा कि तुम्हें अब पार्टी में काम करने की जरूरत नहीं है। मैं तुम्हें सभी पदों से हटा रही हूं। घर में बैठो कहीं भी दिखायी ना पडऩा।
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बसपा सूत्रों ने बताया है कि बताया कि इंद्रजीत सरोज को पार्टी ने निकाला नहीं गया, साजिश के तहत खुद उल्टी बयानबाजी करने लगे। इनकी किसी और पार्टी में सेटिंग हो गई है, इसलिए मायावती पर फर्जी आरोप लगा रहे थे। इनकी इस बयानबाजी की वजह से अब इन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
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