नई दिल्ली, मिशन इलेवन मिलियन फीफा यू-17 वल्र्ड कप का प्रोग्राम है, जिसने 10 लाख बच्चों तक पहुंचकर नया कीर्तिमान बनाया है। भारत सरकार और अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ की यह अनूठी पहल गंगटोक, सिक्किम तक पहुंची है जो भारतीय फुटबॉल के महान खिलाड़ी बाइचुंग भूटिया का प्रदेश है। इस कार्यक्रम में जो पहली मिलियन बच्ची चुनी गई, वह ताडोग के दियोराली गवर्मेंट सेंकेडरी स्कूल की छात्रा श्रीजना सुब्बा है।
उसे गंगटोक के एम एक्स आई एम सेमिनार में स्मृति चिन्ह भी प्रदान किया गया। इस मौके पर भूटिया, भारत में होने वाले फीफा यू 17 विश्व कप 2017 के स्थानीय आयोजन समिति के टूर्नामेंट डॉयरेक्टर हेवियर चौप्पी, सिक्किम फुटबॉल संघ के अध्यक्ष बी के रोका और सिक्कम फुटबॉल संघ के महासचिव मिनेला इथेनप्पा मौजूद थे। एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल पटेल 10 लाख बच्चों तक पहुंच बनाने की इस पहल से बहुत खुश थे।
इस आयोजन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, यह हमारे लिए बहुत ही खुशी का मौका है। देश के 10 लाख बच्चों को फुटबॉल के इस खेल से जोड़ना मील का पत्थर है। मिशन इलेवन मिलियन भारत में फुटबॉल के नजरिए को बदल रहा है और इस बात का सबूत यह है कि उस पहल में देश के इस कोने से पहली मिलियन खिलाड़ी सरकारी स्कूल की छोटी बच्ची बनी है। भारत में फुटबॉल को लेकर बढ ़ता ककेज एम एक्स आई एम की वजह से हुआ है और इसका नतीजा यह है कि आज हम 10 लाख बच्चों से जुड़ गए है।
मिशन इलेवन मिलियन का उद्देश्य इस साल अक्टूबर में होने वाले फीफा यू-17 वल्र्ड कप से पहले देशभर के कम से कम 1.1 करोड़ लड़के लड़कियों को फुटबॉल के इस बेहतरीन खेल से जोड़ना है। हाल ही में युवा मामलों व खेल मंत्रालय के राज्यमंत्री विजय गोयल ने खेल को बढ़ावा देने के लिए संसद में सांसदों को फुटबॉल भेंट की। इसके साथ पिछले महीने से फुटबॉल को प्रोत्साहित करने के लिए मिशन इलेवन मिलियन ने कई कदम उठाएं है।