नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय में उस युवक के माता पिता की याचिका पर केंद्र एवं मणिपुर सरकार से आज जवाब मांगा गया जिसकी राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के बेटे अजय मिताई की संलिप्तता वाले रोडरेज मामले में मौत हो गई थी। माता पिता ने आरोप लगाया कि उनकी जान को खतरा है।
न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की अवकाशकालीन पीठ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और मणिपुर के मुख्य सचिव से इरोम रोजर की मां इरोम चित्रा देवी की याचिका पर 29 मई तक जवाब देने को कहा है। मिताई को 20 मार्च 2011 को हुए रोडरेज के मामले में रोजर पर गोली चलाने के मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के तहत पांच साल कारावास की सजा सुनाई गई है।
रोजर ने मिताई की गाड़ी को अपनी एसयूवी से कथित रूप से आगे नहीं निकलने दिया था। इससे मिताई को गुस्सा आ गया और उसने रोजर पर गोली चला दी थी जिससे उसकी बाद में मौत हो गई। याचिका में आरोप लगाया गया है कि बीरेन सिंह के नेतृत्व में राज्य में भाजपा का शासन होने के कारण पीड़ित के माता पिता को अपनी जान का खतरा है।
यह याचिका वकील उत्सव बैंस के जरिए दायर की गई है। दोषी करार दिए जाने के खिलाफ याचिका की सुनवाई कर रहे उच्च न्यायालय में कोई भी वकील उनकी ओर से पेश होने को तैयार नहीं था।