नई दिल्ली, राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक ओर बीजेपी आम सहमति की बात कर रही है. इस कड़ी में वह विपक्षी पार्टियों के नेताओं से लगातार मुलाकात कर रही है. लेकिन विपक्ष का आरोप हो कि यह बीजेपी की चाल है , क्योंकि वह राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम नही बता रही है बल्कि विपक्ष से ही नाम जानने का प्रयास कर रही है . वास्तव मे बीजेपी विपक्ष को अंतिम समय तक उलझाये रखना चाहती है और फिर वह अंतिम तिथि से ठीक पहले अपने उम्मीदवार का नाम घोषित कर, विपक्ष को झटका देने के फेर मे है, जिससे विपक्ष कोई उम्मीदवार न उतार पाये.
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राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम राय बनाने के लिए बीजेपी की एक समिति ने शुक्रवार को कांग्रेस और वाम दलों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी. समिति के दो सदस्यों केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के साथ ही आडवाणी और मुरली मनोहर जैसे वरिष्ठ बीजेपी नेताओं से मुलाकात की थी.
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लेकिन समिति द्वारा किसी उम्मीदवार का नाम नहीं लिए जाने पर विपक्ष ने इस कवायद पर सवाल उठाया था. बीजेपी की इस चाल से यह स्पष्ट हो गया है कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के साथ बीजेपी की बैठकें महज दिखावा है. प्रमुख विपक्षी नेताओं ने बीजेपी को यह साफ कर दिया है कि मजबूत धर्मनिरपेक्ष साख वाला व्यक्ति ही अगला राष्ट्रपति होना चाहिए. जो कि किसी भी सूरत मे बीजेपी द्वारा संभव नही है. वह अपनी हिंदू वादी छवि को बनाये रखने के पक्ष मे है.
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बीजेपी के इस दांव पर, विपक्ष ने महादांव चला है. विपक्ष ने राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर साफ कर दिया है कि अगर बीजेपी ने 20 जून तक उम्मीदवार का नाम तय नहीं किया, तो विपक्ष अलग से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर देंगा. वास्तव मे यह एक तरह से विपक्ष की बीजेपी को चेतावनी है. विपक्ष ने बीजेपी को 20 तारीख तक का अल्टीमेटम दे दिया है.
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विपक्ष की सूची मे, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मीरा कुमार, जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता शरद यादव और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के नाम हैं. इसमे मुलायम सिंह यादव की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है. राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप मे मुलायम सिंह यादव का नाम आने पर , बीजेपी मे भी सेंध लग सकती है.
क्योंकि बीजेपी मे मोदी विरोधी गुट लगातार मुलायम सिंह यादव के संपर्क मे है और उनके मुलायम सिंह से अच्छे संबंध हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री शत्रुघ्न सिऩ्हा आदि नेताजी के संपर्क मे है. इसी के साथ क्षेत्रीय दलों का भी अच्छा समर्थन मुलायम सिंह को मिल सकता है. एेसी स्थिति मे विपक्ष का यह दांव बीजेपी पर भारी पड़ेगा.
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