वाराणसी, समाजवादी पार्टी से निष्कासित नेता अमर सिंह ने पहली बार मुलायम सिंह पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्होंने मुझे अकेला छोड़ दिया। लेकिन मैं नायक नहीं खलनायक हूं। अमर सिंह वाराणसी के गढ़वा मठ पहुंचे थे। यहां उनके गुरू रहते हैं। ये वाराणसी शहर से 35 किलोमीटर दूर है।
आमतौर पर मुलायम सिंह की तारीफ करने वाले अमर सिंह इस बार उनसे से भी खफा दिखे। एक सवाल के जवाब में कहा, ”नायक नहीं खलनायक है अमर सिंह। जुल्मी बड़ा दुखदायक है। अभी मैं संयमित होकर बोल रहा हूं। और जब बोलूंगा तब लोग कहेंगे कि बोलता है। हमारे बोलने करने का इंतजार कीजिए। मुलायम सिंह का कुर्ता-पयजामा भी साथ हो तो मैं उनके साथ रहूंगा।
मुलायम सिंह पर नाराजगी जाहिर करते हुये उन्होने कहा कि मैं मुलायम वादी कहता था वो अखिलेशवादी हो गए। उन्होंने मुझे अकेला छोड़ दिया और मुझे स्वतंत्र कर दिया। मैं अखिलेश मुख्यमंत्री के बारे में कुछ नहीं बोलूंगा, लेकिन मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश की मुझे परवाह है। मैं रामगोपाल के टारगेट पर हूं। भविष्य तलाशने के रामगोपाल के परिपक्व बयान के लिए धन्यवाद।
मुलायम सिंह पर नाराजगी जाहिर करते हुये उन्होने कहा कि मैं मुलायम वादी कहता था वो अखिलेशवादी हो गए। उन्होंने मुझे अकेला छोड़ दिया और मुझे स्वतंत्र कर दिया। मैं अखिलेश मुख्यमंत्री के बारे में कुछ नहीं बोलूंगा, लेकिन मुलायम सिंह के बेटे अखिलेश की मुझे परवाह है। मैं रामगोपाल के टारगेट पर हूं। भविष्य तलाशने के रामगोपाल के परिपक्व बयान के लिए धन्यवाद।
अमर सिंह ने आगे कहा कि रामगोपाल ने बयान दिया कि यूपी में आएं और सुरक्षित लौटकर जाएं। मैं आज यहां आया हूं, आश्रम में आया हूं। ये यादवों की पीठ है। मैं केंद्र सरकार का धन्यवाद देता हूं कि जो उसने हमें इतनी सुरक्षा दी है कि मैं बनारस से वापस चला जाऊंगा। रामगोपाल जी ने कहा कि सपा में भविष्य खत्म हो चुका है। तो मैंने अपना भविष्य तलाशा नहीं है। मैं यूपी की जनता से पूछना चाहता हूं कि हटाया किसे गया और हटाया किसने। मुझे अखिलेश से निष्कासन वापसी का इंतजार नहीं है।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर अक्सर आरोप लगता है कि अमर सिंह ने वहां झगड़ा करा दिया, अमर सिंह ने यहां महाभारत करा दी। समाजवादी पार्टी से मेरा दूर-दूर तक रिश्ता नहीं है। मैं निष्काषित व्यक्ति हूं। मुलायम सिंह जी ने भले समर्पण कर दिया हो। मुलायम सिंह जी ने शिवपाल जी की स्थापना करा दी हो। हम तो अलग-थलग पड़े हैं। हम मुलायम सिंह जी के प्रति अंतिम दिन तक निष्ठावान थे, ये मेरा अपराध है। लेकिन, हम अखिलेश के शत्रु नहीं हैं। उनके विरुद्ध हमने एक शब्द नहीं कहा। उन्होने कहा कि लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम उनके प्रभुत्व से डरते हैं या मुझे उनके आभामंडल से कोई लालच है। अमर सिंह ने कहा कि मुझे अखिलेश से निष्कासन वापसी का इंतजार नहीं है।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर अक्सर आरोप लगता है कि अमर सिंह ने वहां झगड़ा करा दिया, अमर सिंह ने यहां महाभारत करा दी। समाजवादी पार्टी से मेरा दूर-दूर तक रिश्ता नहीं है। मैं निष्काषित व्यक्ति हूं। मुलायम सिंह जी ने भले समर्पण कर दिया हो। मुलायम सिंह जी ने शिवपाल जी की स्थापना करा दी हो। हम तो अलग-थलग पड़े हैं। हम मुलायम सिंह जी के प्रति अंतिम दिन तक निष्ठावान थे, ये मेरा अपराध है। लेकिन, हम अखिलेश के शत्रु नहीं हैं। उनके विरुद्ध हमने एक शब्द नहीं कहा। उन्होने कहा कि लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम उनके प्रभुत्व से डरते हैं या मुझे उनके आभामंडल से कोई लालच है। अमर सिंह ने कहा कि मुझे अखिलेश से निष्कासन वापसी का इंतजार नहीं है।