रामपुर, रिलीज से पहले शाहरूख खान और दीपिका पादुकोण द्वारा अभिनीत गीत बेशरम रंग विवादों में आ चुका है। नगर के एक एक समाजसेवी ने गीत को मुस्लिमों की भावनाओं को आहत करने वाला बताते हुये राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से गीत को फिल्म से हटाने के लिये हस्तक्षेप की गुहार लगायी है।
केंद्रीय फ़िल्म प्रसारण बोर्ड को पार्टी बनाते हुए रामपुर निवासी प्रसिद्ध आरटीआई एवं सोशल एक्टिविस्ट दानिश खान ने एनएचआरसी में याचिका दर्ज कराई है जिसमें शाहरूख खान स्टारर फिल्म पठान में दिखाए गए गाने को हिन्दू मुस्लिम की भावनाओं को आहत करने वाला बताया है। साथ ही फ़िल्म से इस गाने को हटाये जाने के का अनुरोध किया है। खान ने आयोग से कहा है कि जिसे लोग भगवा बोल रहे हैं, वह दरअसल मुस्लिम समुदाय के लिए भी बहुत मायने रखता है। याची ने कहा है कि जिसे भगवा रंग कहा जा रहा है यह मुस्लिम समुदाय के लिए चिश्ती रंग भी है।
सोशल एक्टिविस्ट ने याचिका में कहा है कि फिल्म इंडस्ट्री का भगवा रंग से पुराना नाता रहा है और कई अभिनेत्रियां इस रंग को पहन चुकी हैं। सभी धर्मों के लोग सूफी ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पर जो रंग चढ़ाते हैं वह चिश्ती रंग कहलाता है, इसे भगवा भी कहा जाता है। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड को आयोग द्वारा तथाकथित गाना हटाए जाने की याचना की गई है। कहा गया है कि इससे देश में हिंदू मुस्लिम और सभी धर्मों के बीच एकता का माहौल बना रहे।