लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार में रोजगार बिना विकास होने के कारण देश में रोजगार के अवसर अन्य क्षेत्रों में भी लगातार कम होते जा रहे हैं, परन्तु संकट के ऐसे गंभीर समय में भी भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकारें लापरवाह होकर केवल योग जैसे कार्यक्रमों पर सरकारी धन, संसाधन व समय खर्च कर रही हैं। मायावती ने कहा कि ऐसे लोक कार्यक्रमों के लिए भाजपा सरकार को नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ जैसी संस्थाओं को उत्तरदायी बनाया जाना चाहिए।
आखिर आर.एस.एस. को मिलने वाली अनेकों प्रकार की सरकारी सुविधाएं व छूट आदि का लाभ समाज के सही निर्माण के कार्य में करने के बजाय केवल नफरत की बीज बोने की इजाजत क्यों दी जानी चाहिए।
मायावती ने कहा कि देश के करोड़ों मेहनतकश बेसहारा 2394 गरीबों, मजदूरों, किसानों व बेरोजगारों को रोजगार दिलाकर उनके परिवार का पेट भरने की असली ज्वलन्त समस्या का समाधान करने में केन्द्र व प्रदेश सरकारों की शक्ति, संसाधन व समय का इस्तेमाल करने की वास्तविक संवैधानिक जिम्मेदारी निभाने के बजाय भाजपा की मोदी सरकार सरकारी धन व संसाधन का इस्तेमाल पेट भरे लोगों पर ही ज्यादा केन्द्रित कर रही है और इस कारण 2393 किसान वर्ग का इस गरीब व किसान-विरोधी नीति व कार्यक्रम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन उचित व स्वाभाविक है।
किसानों की गहराती समस्या व उस कारण आत्महत्या करने तक की जर्बदस्त मजबूरी वास्तव में रोजगार की भी बहुत बड़ी समस्या है, जो दिन-प्रतिदिन भाजपा की वर्तमान सरकार की गलत नीतियों व कार्यकलापों के कारण लगातार गहराती ही जा रही है, जिसकी तरफ सरकार का ध्यान आकृष्ठ करने के लिए अब शान्ति प्रिय किसान अगले महीने दिल्ली में नीति आयोग का घेराव करने व जन्तर-मन्तर पर धरना देने जा रहे है। यह सब भाजपा सरकार के दौरान रोजगार बिना विकास अर्थात रोजगार सृजन नहीं कर पाने वाले विकास का ही दुष्परिणाम माना जा रहा है।