मैनपुरी, यादव पट्टी की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक उत्तर प्रदेश की मैनपुरी संसदीय सीट पर समाजवादी पार्टी (सपा) उम्मीदवार डिंपल यादव एक बार फिर से रिकॉर्ड मतों से जीतने में सफल हुयी हैं।
डिंपल यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार और प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह को दो लाख 21 हजार 639 मतों से करारी शिकस्त दी है।
मतगणना के पहले चक्र की गिनती से लेकर आखिरी चक्र तक भाजपा उम्मीदवार को कहीं पर भी बढ़त नहीं मिली। अपने खिलाफ आ रहे जनमत से दुखी होकर भाजपा उम्मीदवार जयवीर सिंह दोपहर 12 बजे के आसपास मतगणना स्थल छोड़कर चले गए। वहीं समाजवादी बहू डिंपल यादव अपने सैफई स्थित आवास पर टेलीविजन पर चुनावी नतीजा देखने में व्यस्त बनी रही।
2024 के संसदीय चुनाव के प्रचार के दौरान सपा उम्मीदवार डिंपल यादव को हराने के लिए भाजपा के स्टार प्रचारकों की ओर से किए गए थे लेकिन मतगणना में यह दावे धरे के धरे रह गए।
मैनपुरी संसदीय सीट पर आज तक भाजपा और बहुजन समाज पार्टी को कामयाबी नहीं मिली है। मैनपुरी संसदीय सीट पर यादव मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है और इसीलिए समाजवादी उम्मीदवार को यहां पर जीत हासिल होती है। मैनपुरी संसदीय सीट से मैनपुरी सदर, भोगांव, किशनी,करहल और जसवंतनगर विधानसभा जुड़ती है।
इटावा जिले की जसवंत नगर विधानसभा से सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव 1996 से लगातार विधायक निर्वाचित होते हुए चले आ रहे हैं, करहल विधानसभा से खुद सपा प्रमुख अखिलेश यादव मौजूदा वक्त में विधायक तो है ही उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भी भूमिका निभा रहे हैं।
नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद हुए उपचुनाव में बहू डिंपल यादव को मिली जीत को लेकर भाजपा के बड़े नेता लगातार ऐसा बोलते रहे हैं कि नेता जी के निधन के बाद मिली सहानुभूति की बदौलत डिंपल यादव को जीत मिली है।
मैनपुरी संसदीय सीट पर 2019 के मुकाबले मत प्रतिशत आने को लेकर राजनीतिक विश्लेषक अपने विश्लेषण में मैनपुरी सीट को भाजपा के पक्ष में मान करके चल रहे थे लेकिन जब नतीजा सामने आया तो उनका विश्लेषण धरा का धरा रह गया।