मैनपुरी, उत्तर प्रदेश में मैनपुरी से लोकसभा सीट के सांसद धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद अब इस सीट पर उपचुनाव की तैयारी जोरों से चल रही है। मैनपुरी में पांच दिसंबर को उपचुनाव होना है।
उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस ने इस बार अपना प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं उतारा है। समाजवादी पार्टी से नेताजी की पुत्रवधू डिम्पल यादव प्रत्याशी है और उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने श्री यादव के शिष्य रघुराज सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है।
मैनपुरी मुलायम सिंह यादव की कर्मस्थली रही है और 1989 के बाद से इस सीट को समाजवादी पार्टी का मजबूत गढ़ माना जाता है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर के बावजूद मैनपुरी लोकसभा सीट पर भाजपा अपना केसरिया परचम फहराने में नाकाम रही। मैनपुरी लोकसभा सीट अब तक सपा का अभेद दुर्ग माना जाता है। भाजपा मैनपुरी लोकसभा सीट के उपचुनाव में जीत हासिल कर समाजवादी पार्टी के ताबूत की अंतिम कील को उखाड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है।
मैनपुरी लोकसभा सीट के जातीय समीकरण की बात करें तो यह सीट समाजवादी पार्टी का अभेद दुर्ग मानी जाती है। मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में इटावा जिले की जसवन्तनगर विधानसभा का क्षेत्र भी शामिल है। जसवन्तनगर यादव बाहुल्य है और इटावा का जसवन्तनगर और मैनपुरी की करहल विधानसभा क्षेत्र समाजवादी पार्टी की जीत का प्रमुख आधार हमेशा से रहा है। भाजपा मैनपुरी लोकसभा सीट अब तक नहीं जीत सकी है, इसका मुख्य कारण इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों में सपा के परंपरागत वोट माने जाने वाले यादवों का प्रतिशत अधिक है।
उन्हाेंने बताया कि किशनी और मैनपुरी विधानसभा क्षेत्रों में भी यादव मतदाता अन्य जातियों की अपेक्षा अधिक है और मैनपुरी लोकसभा सीट का सिर्फ भोगांव विधानसभा क्षेत्र ही यादव मतदाताओं की संख्या में अपेक्षाकृत कम है। भोगांव में ब्राह्मण मतदाताओं की निर्णायक संख्या को देखते हुए समाजवादी पार्टी के बड़े-बड़े ब्राह्मण चेहरे यहां डेरा डाले हुए हैं । समाजवादी पार्टी में मंत्री रहे पवन पांडेय, विनय तिवारी, लोहियावाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप तिवारी, महिला नेत्री पूजा शुक्ला सहित 100 से अधिक ब्राह्मण नेता मैनपुरी के ब्राह्मण मतदाताओं को समाजवादी पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए ब्राह्मणों के घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं।
मैनपुरी लोकसभा सीट में ब्राह्मण मत हमेशा आमने-सामने के मुक़ाबले में निर्णायक रहे हैं। वैश्य मत भी दोनों पार्टियों को जा सकता है। मैनपुरी में शाक्य मतदाता यादवों के बाद दूसरे नम्बर पर हैं और भाजपा ने शाक्य प्रत्याशी इसी आशा के साथ उतारा है कि शाक्य का वोट भाजपा को गया तो भाजपा शाक्य और अपने परम्परागत मतों के सहारे सपा की विरासत को ढहा देगी।
नेताजी के निधन के बाद मैनपुरी के युवाओं में समाजवादी पार्टी के प्रति सहानुभूति की लहर भी है। लोहियावाहिनी के रावल सिंह यादव के साथ युवाओं की चल रही टीम के जोश को देखकर लोगों को नेताजी के संघर्ष के दिनों की याद ताजा होने लगी है।
मैनपुरी लोकसभा सीट के उपचुनाव में 05 दिसंबर को मतदान होना है। समाजवादी पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है कि पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव नेताजी की तर्ज पर गाँव-गाँव, घर-घर जाकर लोगों को अपनेपन का एहसास करा रहे हैं और नेताजी के मैनपुरी के लोगों से जुड़ाव की दुहाई देकर डिम्पल यादव को भारी मतों से जिताने का आशीर्वाद माँग रहे हैं। इस चुनाव में सपा अध्यक्ष का यह बदला रूप लोगों को काफी पसंद आ रहा है और लोग उनको भरोसा दिला रहे हैं कि मैनपुरी समाजवादी का अभेद दुर्ग रहा है और आगे भी रहेगा।
मैनपुरी में भाजपा ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है 40 स्टार प्रचारक मैंनपुरी में डेरा डाले हुए हैं। प्रदेश सरकार के दोनों उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मैनपुरी में सभाएं हो चुकी हैं। भाजपा लोगों के बीच परिवारवाद को लेकर जनता के बीच जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने करहल में कहा कि सैफई परिवार ने मैनपुरी के लोगों का हक छीना है।
चुनाव आयोग में समाजवादी पार्टी की तरफ से मैनपुरी और इटावा के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को हटाने की मांग का ज्ञापन पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल ने दिया है। ज्ञापन में कई अन्य अधिकारियों को भी हटाने की माँग की गई है जिन्होंने प्रधानों और कोटेदारों को बीजेपी के पक्ष में कार्य करने का दबाब बनाया है।
फिलहाल मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव काफी रोचक स्थिति में है। ठंड के मौसम में भी राजनीति का तापमान काफी चढ़ गया है। पुलिस, पी.ए. सी के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों के जवान मैनपुरी में लगातार गश्त कर लोगों को भयमुक्त और निष्पक्ष चुनाव होने का एहसास करा रहे हैं, लेकिन राजनैतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर सुरक्षा बलों की निष्पक्ष तैनाती को लेकर भी हो रहा है।
समाजवादी पार्टी का आरोप है कि जातिगत आधार पर ड्यूटी लगाई जा रही है। मैनपुरी लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव पर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की भी पैनी नजर है। मैनपुरी में बड़े-बड़े चैनलों की मौजूदगी भी लगातार बढ़ती जा रही है।