सहारनपुर, मोटापा स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है जिसके कारण ह्रदय, श्वसन तंत्र, उत्सर्जन संस्थान आदि पर अत्यधिक दबाव पडने से स्वास्थ्य में गिरावट आती है।
आरोग्य योग एवं मैडीटेशन सेंटर के संस्थापक व निदेशक योगी गुलशन कुमार ने आज कहा कि मोटापे की अधिकता के कारण मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गठिया, , ह्रदय रोग , अवसाद व अन्य व्याधियां देखी जा सकती है। योग व आहार द्वारा केवल मोटापे का काबू कर लेने से ही उक्त बीमारियों से मुक्ति मिल जाना बहुत आसान है। योगी ने बताया कि मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति में इच्छा शक्ति एवं योगाभ्यास के प्रति उसे प्रेरित करने की आवश्यकता होती है। मोटे व्यक्ति को अपने गलत खान पान व जीवन शैली में बदलाव लाने की आवश्यकता होती है।
नौकासन, चक्की चालन , कटिचक्र, पादहस्तासन, भुंजगासन, हलासन, सूर्य नमस्कार ये सभी आसन 30-35 मिनट प्रतिदिन करे। इन आसनो के करने से काफी पसीना निकल जाता है जिससे चर्बी मेल्ट होकर वजन कम होता चला जाता है। कपालभाति, भस्त्रिका , नाडी शोधन प्राणायाम लगभग पन्द्रह बीस मिनट तक करे। इससे मैटाबोलिज्म बेहतर होता है ।
योग की दृष्टि से मोटापे का कारण राजसिक व तामसिक प्रवृत्ति का होना है। राजसिक प्रवृत्ति के लोग स्वभावत प्रतिस्पर्धी, क्रोधी लोभी होते है । मानसिक कुण्ठा को मुक्त करने के लिए अपनी अपूर्ण महत्वाकांक्षा को पूर्ण करने के लिए तेजी से अधिक मात्रा में खाते है तथा दूसरे प्रकार में तामसिक प्रवृत्ति के लोग जो कि नकारात्मक एवं निरसता के कारण लगातार खाते है। जैसे जैसे वजन बढता है शरीर बैडोल होने लगता है ।
मोटापे के प्रमुख कारण आधुनिक जीवन शैली एवं भोजन में फास्ट फूड , जंक फूड, मांसाहार, अधिक मात्रा में अल्कोहल युक्त पेय का सेवन बैठे बैठे टेलीविजन, कम्प्यूटर आदि के साथ अधिक समय बिताना, शीतल पेय पदार्थ ,चाय काफी ठडे पदार्थ आइसक्रीम, मैदा से तैयार पदार्थ का सेवन बार बार कुछ खाते रहने की आदत आदि है।