चंडीगढ़, कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि मनमोहन सिंह कोई कमजोर प्रधानमंत्री नहीं थे लेकिन कुछ अजीब कारणों से उन्होंने संप्रग सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान अपने को दृढ़तापूर्वक पेश नहीं करने का फैसला किया। उन्होंने यहां एक पुस्तक के लोकार्पण के बाद सवालों के जवाब में कहा, मेरी निजी राय है कि मनमोहन सिंह कोई कमजोर प्रधानमंत्री नहीं थे। उन्होंने कहा, यदि वह कमजोर प्रधानमंत्री होते तो वह असैन्य परमाणु करार की दिशा में आगे नहीं बढ़े होते। लेकिन कुछ अजीब कारणों से उन्होंने संप्रग के दूसरे कार्यकाल में अपने को दृढ़तापूर्वक पेश नहीं करने का फैसला किया।
श्मशान-कब्रिस्तान वाली टिप्पणी को लेकर नरेंद्र मोदी पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री पद की गरिमा के अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा, मैं निष्पक्ष होने की कोशिश करूंगा लेकिन दुर्भाग्य से जब आप देश के प्रधानमंत्री को विमर्श को श्मशान और कब्रिस्तान तक लाते हुए देखते हैं तो यह निश्चित ही प्रधानमंत्री के पद के लिए अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कहा, जब आप प्रधानमंत्री बनने के लिए अभियान चला रहे हैं, वह तथा जब आप प्रधानमंत्री हैं, अलग अलग चीज है। पूर्व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री तिवारी ने कहा, अतएव, जब आप प्रधानमंत्री के रूप में बोलते हैं, तो आपके हर काम, आपकी कही हर बात से नेतृत्व कौशल सामने आना चाहिए। उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान मोदी ने एक रैली में कहा था, यदि कब्रिस्तान और रमजान के दौरान बिजली आती है तो यह श्मशान घाट पर और दिवाली के दौरान भी उपलब्ध रहनी चाहिए। तिवारी ने कहा कि वह महसूस करते हैं कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद उसके विचारों के हिसाब से राष्ट्रीय विमर्श गढ़ने की संगठित कोशिश हो रही है।