कोलकाता, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर जन विरोधी नीतियों को आगे बढ़ाने और राज्य के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वह केन्द्र के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं लेकिन खतरों से भयभीत नहीं होगी। उन्होंने एक जनसभा में कहा कि मैं केन्द्र के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हूं लेकिन कभी भी जन-विरोधी नीतियों का समर्थन नहीं करूंगी हम खतरों से नहीं डरते। हम स्वस्थ राजनीति में यकीन रखते हैं।
राज्य सरकार द्वारा कृषि भूमि के लिए कोई राजस्व नहीं लेने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि देश में कई किसानों ने खुदकुशी कर ली है और केन्द्र को उनका रिण माफ करना चाहिए। छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती के केन्द्र सरकार के निर्णय पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि इससे चिट फंड मामलों के बढने में मदद मिलेगी। पश्चिम बंगाल के साथ भेदभाव करने और भाजपा का समर्थन करने वाले को राशि देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश को एक विशेष पैकेज मिलता है। मुझे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन बंगाल को वंचित क्यों रखा जाता है? ममता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में 88 त्वरित अदालतें, 45 महिला थाना है जबकि गुजरात में एक भी त्वरित अदालत नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने गुजरात को 400 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं लेकिन बंगाल को कुछ नहीं मिला।