नई दिल्ली, मोदी सरकार मे तीन बड़े सामाजिक वर्गों के आयोगों के अध्यक्ष पद खाली हैं। इन आयोगों में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जनजाति आयोग शामिल है। अगले साल मार्च 2017 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का पद का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है।
लोकसभा चुनाव में बड़े बहुमत की जीत के ढाई साल के बाद केंद्र सरकार तीन वैधानिक आयोगों के अध्यक्षों की नियुक्तियां कर उसे लम्बे समय तक खाली नही रखना चाहिये। मनमोहन सरकार के कार्यकाल में बनाए गए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जनजातियों के अध्यक्षों का कार्यकाल अभी हाल ही में समाप्त हुआ है। इन आयोगों के अध्यक्ष के रूप में पीएल पुनिया, वी ईश्वरय्या और रामेश्वर उरांव को पिछली संप्रग सरकार द्वारा नियुक्त किए गया था। पीएल पुनिया राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद है जबकि उरांव एक पूर्व लोकसभा सदस्य है। बीजेपी के लिए राहत है कि इन तीन पैनलों के अलावा अगले साल मार्च 2017 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का पद का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है।