नई दिल्ली, दिल्ली के जन्तर-मन्तर पर 39 दिन से आंदोलन कर रहे किसानों ने अपना आंदोलन एक माह के लिये स्थगित कर दिया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद किसानों ने 25 मई तक आंदोलन नहीं करने का फैसला किया है।किसानों ने कहा है कि अगर हमारी मांगे पूरी नहीं की गईं तो 25 मई से दोबारा आंदोलन करेंगे।
कई बार आए सूखे और चक्रवात में बर्बाद हो चुकी फसल के कारण बुरी तरह टूट चुके तमिलनाडु के किसान 38 दिनों से दिल्ली के जंतर मंतर पर ऋण माफ कराने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। किसानों की उनको मिलने वाले राहत पैकेज पर भी पुनर्विचार करने की मांग है। किसानों की यह भी मांग है कि उनको अगली साल के लिए बीज खरीदने दिए जाएं और हुए नुकसान की भरपाई की जाए।आंदोलन की अगुआई कर रही नेशनल साउथ-इंडियन रिवर्स लिंकिंग फार्मर्स असोसिएशन के स्टेट प्रेजिडेंट पी.अयाकन्नू ने कहा था कि हमें पीने के लिए तमिलनाडु में पानी नहीं मिल रहा है और प्रधानमंत्री इसकी अनदेखी कर रहे हैं, तो हमें अब अपने मूत्र से ही प्यास बुझानी पड़ेगी।
किसानों ने 22 अप्रैल को अपना ही मूत्र पीकर विरोध जताया था। किसानों ने मोदी सरकार को धमकी देते हुए कहा था कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वह शनिवार को अपना मूत्र पीएंगे और अगर फिर भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो मल भी खाएंगे। पिछले 39 दिनों से ये किसान अलग तरीकों से आंदोलन कर सुर्खियां बटोर रहे थे। ये लोग अपने साथ मानव कंकाल भी लाए थे, जिसे लेकर इन लोगों का दावा था कि ये उन किसानों के हैं, जिन्होंने आत्महत्या की है। इन लोगों ने नग्न होकर रायसीना हिल्स पर प्रदर्शन करने के अलावा चूहे और सांप भी खाए थे। इसके अलावा नकली अंत्येष्टि भी की थी।