लखनऊ, लोकसभा चुनावों के बाद यूपी में तीन सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने यह साबित कर दिया है कि संकट के समय यादव ही मजबूती के साथ समाजवादी पार्टी के साथ है। लोकसभा चुनावों मे भाजपा की जबर्दस्त लहर के बावजूद समाजवादी पार्टी से मात्र पांच यादव ही यादव बाहुल्य सीटों से जीतकर आये थे। अब यूपी में तीन सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों ने भी यह साबित कर दिया है क्योंकि मुजफ्फनगर सीट भाजपा ने समाजवादी पार्टी से छिन ली है। सहारनपुर के देवबंद सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार माविया अली ने सपा के मीना राणा को 3 हजार 424 वोटों से हराकर जीत दर्ज की है।वहीं फैजाबाद के बीकापुर सीट पर समाजवादी पार्टी उम्मीदवार आनंद सेन यादव ने जीत दर्ज की है । दो सीटों पर हार से सपा को झटका लगा है। लेकिन यह स्पष्ट है कि आज भी यादव ही समाजवादी पार्टी के लिये संकटमोचक है।
तीनों क्षेत्रों में हो रहे विधानसभा उपचुनाव सिर्फ जीतने के लिए ही नहीं, बल्कि अपने-अपने संदेश भेजने के लिए भी लड़े गए। हालांकि उपचुनाव के नतीजे न तो अखिलेश सरकार के भविष्य पर असर डालेंगें और न ही विपक्ष पर, लेकिन इससे हर दल को अपनी ताकत व कमजोरियों के बारे में एक जमीनी अनुमान तो मिल ही गया। अब इसके बाद चुनावी गठजोड़ की कोशिशें तेज होंगी। 2017 विधानसभा चुनाव के लिए यूं तो सपा, बसपा व भाजपा अकेले दम पर चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर चुके हैं, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो फिलहाल सभी दल विरोधियों की ताकत का आकलन कर रहे हैं। इन नतीजों के बाद नए सिरे से चुनावी गठजोड़ की कवायद तेज होगी और नए समीकरण मैदान में दिखेंगे। दो सीटों पर हार से सपा को झटका लगा है वहीं कांग्रेस ने देवबंद सीट जीतकर खुद को मैदान में साबित किया है।