वाराणसी, युवा हृदय सम्राट स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती गुरुवार को विभिन्न संस्थाओं के साथ छात्रों-युवाओं ने उत्साह से मनाया। इस मौके पर जगह-जगह संगोष्ठी, शोभायात्रा निकाल आईपी विजया के सामने, नदेसर मिण्ट हाउस चौराहे पर स्थित स्वामी जी की विशाल प्रतिमा के सामने दीप प्रज्जविलत किया। इस दौरान विवेकानन्द को याद करते हुए उनके विचार-‘उठो जागो और तब तक रुको नहीं जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए’ का मनन कर उनके आदर्शो पर चलने का संकल्प लिया। इस क्रम में मिन्ट हाउस तिराहा नदेसर स्थित स्वामी जी के विशाल प्रतिमा की साफ-सफाई के बाद भारत विकास परिषद काशी प्रान्त के कार्यकर्ताओ ने स्वामी के चरणों में पुष्प अर्पित किया। वक्ताओं ने कहा कि स्वामी विवेकानंद, जिनका नाम आते ही मन में श्रद्धा और स्फूर्ति दोनों का संचार होता है। श्रद्धा इसलऐ, क्योंकि उन्होंने भारत के नैतिक एवं जीवन मूल्यों को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाया और स्फूर्ति इसलिए क्योंकि इन मूल्यों से जीवन को एक नई दिशा मिलती है। स्वामी विवेकानंद आजीवन एक संन्यासी के रूप में रहे और देश-समाज की भलाई के लिए काम करते रहे। अपने ज्ञान के बल पर स्वामी विवेकानंद विश्व विजेता बने। वे हिन्दुस्तान के एक ऐसे संन्यासी रहे हैं, जिनके संदेश आज भी लोगों को उनका अनुसरण करने को मजबूर कर देते हैं। इसी क्रम में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के मीरजापुर स्थित राजीव गाँधी दक्षिणी परिसर में युग पुरुष स्वामी विवेकानन्द जयन्ती एवं राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम की शुरुआत दक्षिणी परिसर स्थित प्रशासनिक भवन में निबन्ध लेखन प्रतियोगिता एवं पोस्टर प्रतियोगिता से हुई, जिसमें परिसर में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की। इसी क्रम में बीएचयू के शताब्दी वर्ष में स्वामी विवेकानन्द की जयन्ती को युवा दिवस के रूप में मनाया गया। इस दौरान मालवीय मूल्य अनुशीलन केन्द्र की ओर से लाला लाजपत राय पाठशाला, सुन्दर बगिया में युवा दिवस विद्यार्थियों एवं अध्यापकों के बीच मनाया गया।