मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर मंडल की राॅबटर्सगंज (सोनभद्र )संसदीय सीट देश की एकलौती ऐसी सीट है जिसकी सीमाएं चार राज्यों की सीमाओं से सटी है। पूरे प्रदेश में सत्तारूढ़ एवं विपक्षी गठबंधन ने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं लेकिन इस सीट पर दोनों गठबंधन ने प्रत्याशियों को लेकर अभी तक सस्पेंस बरकरार रखा है।
उत्तर प्रदेश की इस सीट पर नामांकन मंगलवार से शुरू हो रहा है। जिला प्रशासन ने सारी तैयारियां पूरी कर लेने का दावा किया है लेकिन न तो सत्ताधारी गठबंधन ने न ही विपक्ष गठबंधन ने प्रत्याशी तय किए हैं। दोनों ओर से उम्मीदवार को लेकर यहां कयास लगाए जा रहे हैं। पिछले बार एनडीए के अपनादल के पकौड़ी कोल चुनाव जीते थे।इस बार भी एनडीए कोटे में यह सीट अपनादल के पास है। अपनादल ने अभी अपने उम्मीदवार की घोषणा नही की है। अपनादल के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदेश सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने बताया कि उन्होंने सात प्रत्याशियों का पैनल बना कर भाजपा हाईकमान के पास भेजा है। अब इन प्रत्याशियों के पैनल से भाजपा को एक पर सहमति देना है। अभी तक भाजपा ने नाम फाइनल नही किया है। लिहाजा देरी हो रही है।
दूसरी ओर विपक्ष गठबंधन की ओर से सपा को यहां अपना उम्मीदवार घोषित करना है। सपा नेता अनौपचारिक बातचीत में कहते हैं कि अपनादल के उम्मीदवार का इंतजार हो रहा है। संभावित उम्मीदवार के नाम तय है। केवल घोषणा बाकी है।
क्षेत्रफल की दृष्टि से देश की दूसरी सबसे बड़ी इस संसदीय सीट की सीमा बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ से जुटती है। यह देश का एकमात्र संसदीय सीट है जिसकी सीमाएं चार राज्यों से जुड़ींं हैं। आदिवासी बहुल पर्वतीय, वन क्षेत्र से आच्छादित सोनभद्र जिला विद्युत उत्पादन के लिए पूरे देश में जाना जाता है। एक तरह से उपनगरीय इलाके भी है।
यहां अभी तक उम्मीदवारो की घोषणा न होना समझ के परे है। उम्मीदवारो के नामों की कयासबाजी जारी है। यह दोनों पक्षों को लेकर है। यह तो तय है कि पूरे क्षेत्र को उम्मीदवार टच नही कर सकता क्योंकि एक सीट दूसरे सीट दो सौ पचास किलोमीटर दूर है।