लखनऊ, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में उत्तर प्रदेश की बड़ी भूमिका है और इसके लिये राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के रूप में विकसित करने के लिये सरकार प्रतिबद्ध है।
श्री योगी ने बुधवार को कहा कि सरकार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के सतत प्रयास कर रही है, जिसके चलते प्रदेश की बेरोजगारी दर विगत चार वर्षाें में 17 प्रतिशत से गिरकर 05 प्रतिशत पर आ गयी है। आज राज्य सरकार द्वारा बेरोजगारी को दूर करने के लिए किये जा रहे आर्थिक स्वावलम्बन के प्रयास फलीभूत हो रहे हैं, लेकिन अभी इस दिशा में काफी काम किया जाना है।
उन्होने कहा कि चार सालों में सरकार के प्रयासों और बैंकर्स के अथक परिश्रम के परिणामस्वरूप आर्थिक विकास में आशातीत सफलता मिली है। अब उत्तर प्रदेश, देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। प्रदेश सरकार निरन्तर प्रयास कर रही है कि वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2021-22 तक प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी करने के लिए विकास एवं समृद्धि की रफ्तार बढ़ायी जाए। इस कार्य में बैंकों का सहयोग अपरिहार्य है। केन्द्र व राज्य सरकार किसानों की खुशहाली और समृद्धि के लिए लगातार कार्य कर रही हैं।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने एक लाख 51 हजार किसान क्रेडिट कार्डों की वर्चुअल स्वीकृति देते हुए इससे लाभान्वित होने वाले सभी कृषकों को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि इससे उनकी मुश्किलें आसान होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों एवं किसानों के परिश्रम से राज्य में रिकॉर्ड मात्रा में खाद्यान्न उत्पादन हुआ है। किसानों की उपज की एमएसपी पर खरीद एवं निर्धारित समयावधि में उपज मूल्य का भुगतान किया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड, किसानों को सरल ऋण उपलब्ध कराने में सहायक है।
उन्होने कहा कि ऋण जमा अनुपात (सीडी रेशियो) को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार के सहयोग से भगीरथ प्रयास हो रहे हैं। इसके तहत आज प्रदेश स्तर पर मेगा कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। इस मेगा कैम्प में 9,000 करोड़ रुपए के ऋण की ऑनलाइन स्वीकृति प्रदान की जा रही है। इस मेगा कैम्प का आकार अभी तक आयोजित सभी मेगा कैम्प में सर्वाधिक है। उन्होंने मेगा कैम्प के आयोजन से लाभान्वित होने वाले सभी लाभार्थियों को बधाई देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि यह आयोजन प्रदेश में ऋण जमा अनुपात को बढ़ाने में सहायक होगा।
मुख्यमंत्री ने भविष्य में ऐसे मेगा कैम्प मण्डल तथा विकासखण्ड स्तर पर भी लगाने की अपेक्षा की, जिससे कि प्रदेश की जनता और बैंकों के बीच वित्तीय लेन-देन में वृद्धि हो तथा प्रदेश विकास के पथ पर मजबूती से आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार से जोड़ना और रोजगार सृजन राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने बैंकों के सहयोग से संचालित किये जा रहे स्वरोजगार महाकुम्भ कार्यक्रम के तहत 01 लाख 11 हजार युवाओं को स्वरोजगार के लिये वित्त पोषण का ऑनलाइन शुभारम्भ किया।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य सरकार द्वारा रोजगार सृजन के यह प्रयास बैंकर्स के सहयोग से निरन्तर जारी रहेंगे।
पिछले चार वर्षों में प्रदेश में बैंकिंग व्यवसाय में 06 लाख करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि हुई है। साथ ही, ऋण जमा अनुपात में भी 06 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले 04 वर्षों में प्रदेश में लगभग 43,000 नए बैंकिंग आउटलेट स्थापित कराए गए हैं, जो एक नया कीर्तिमान है। ग्रामीण बैंकों को अत्यधिक क्रियाशील बनाते हुए उनका पुनर्गठन भी किया गया है। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) और बैंकर्स के प्रयासों से उत्तर प्रदेश पहला राज्य बना, जिसमें बहुत अल्प समय में ऋण मोचन योजनाओं को साकार करके किसान की आय को दोगुनी करने का सार्थक प्रयास किया गया।