लखनऊ, यूपी बोर्ड के स्कूलों में अब वैदिक गणित भी पढ़ाया जाएगा. इससे छात्र न केवल जोड़-घटाना सीखेंगे, बल्कि गणित की बड़े महत्वपूर्ण सवाल भी मिनटों में सूत्र के जरिये हल करना सीखेंगे. अगले सत्र से इसे लागू कर दिया जाएगा.
विद्या भारती ने माध्यमिक शिक्षा परिषद को इसका प्रस्ताव भेजा था. जिस पर अब सहमति मिल गई है. इसके अलावा इतिहास को सही तरीके से प्रस्तुत करने और हमार योद्धाओं जिनकी गाथाएं नहीं हैं, उन्हें भी शामिल करने का प्रस्ताव है. अब अगले सत्र से जितने भी बदलाव हो जाएंगे उसके बाद संस्थान फिर से अन्य बदलाव को लागू करने का प्रयास करेगा.
इसमें संस्थान के महामंत्री ललित बिहारी गोस्वामी ने बताया कि हमारी शिक्षा राष्ट्र केंद्रित नहीं है, इसमें पश्चिमी सभ्यता की छाप है. इसको दूर करने और अपनी शिक्षा को देश केंद्रित बनाने के लिए बोर्ड को 32 बिंदुओं का प्रस्ताव भेजा था. इसमें वैदिक गणित को बोर्ड ने स्वीकृत कर लिया है.
इसके अलावा इतिहास को सही तरीके से प्रस्तुत करने और कई ऐसे योद्धाओं की गाथाएं जो अब तक शामिल नहीं हैं, उन्हें शामिल करने का भी प्रस्ताव है. अब अगले सत्र में जितने बदलाव हो जाएंगे, उसके बाद संस्थान फिर से अन्य बदलावों को लागू करने के लिए प्रयास करेगा. गणित के शिक्षक डीके सिंह ने बताया कि वैदिक गणित में संस्कृत के सूत्रों से गणित के सूत्रों को पढ़ाया जाता है.
उन्होंने बताया कि इससे कैलकुलेशन काफी आसान हो जाता है. बारह साल पहले भी इसे शुरू किया गया था लेकिन एक दो साल में ही इसे बंद कर दिया गया. हालांकि, अब तक इसका कोई सिलेबस और किताबें नहीं आईं हैं. विद्या भारती की ओर से मंगलवार से राष्ट्रीय खेलकूद समारोह की शुरुआत होगी. प्रेस वार्ता में पूर्वी यूपी के संगठन मंत्री डोमेश्वर साहू ने बताया कि यह समारोह तीन दिन चलेगा, इसमें सभी प्रदेशों से 785 खिलाड़ी शामिल होंगे.