जौनपुर, उत्तर प्रदेश में जौनपुर के करंजाकला विकासखंड के आरा गांव में विकास के नाम पर अभिलेखों में हेराफेरी कर 45 लाख का घोटाला करने के आरोपी सेक्रेटरी को जिला पंचायत राज अधिकारी सन्तोष कुमार ने निलंबित कर दिया है । पूरे मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय टीम गठित कर दी गई है ।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां कहा कि जिले में करंजाकला ब्लॉक के आरा गांव के निवासी पवन राय ने विगत माह जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा व अन्य अधिकारियों से गांव में चल रहे विकास कार्यों के नाम पर अभिलेखों में हेराफेरी कर घोटाले की शिकायत की थी। आरोप लगाया था कि प्रधान गायत्री पाठक व सेक्रेटरी संतोष कुमार, सफाई कर्मी डोगल इन्चार्ज की मिलीभगत से वित्तीय गबन किया गया है।
इंटरलकिंग ,मरम्मत का कार्य, खिड़की ,दरवाजा ,शौचालय ह्ययूम पाइपलाइन एवं अन्य विकास कार्यों को अभिलेखों पर दर्शाया गया।
रिश्तेदार के नाम फर्म बनाकर एक वर्ष में लाखों कि धनराशि ट्रांसफर की गई है। जिसमें रिश्तेदार योगेश चौबे के खाते मे 5 लाख 43 हजार 2 दो सौ 27 रुपया ट्राजेक्शन किया। इस तरह अन्य लोगों के फर्मों व खातों 45 लाख से अधिक धनराशि की हेरा फेरी कर घोटाला किया गया है। शिकायत पवन राय ने पीएमओ दिल्ली से भी की थी।
पीएमओ से तत्काल एक्शन लिया गया और जिला पंचायत राज अधिकारी की ओर से जांच टीम गठित की गई । प्रथम दृष्टया पाया गया कि योगेश के नाम पर फर्जी तरीके से 5 लाख 43हजार 227 रूपया निकाला गया। इस तरह और भी मामले हैं। जिनकी जांच शुरू हुई है । जिला पंचायत राज अधिकारी ने ग्राम पंचायत अधिकारी संतोष कुमार को निलंबित कर दिया।
इस बारे में ग्राम सभा सदस्य पवन राय ने बताया कि गांव में विकास के नाम पर छह माह में एक करोड़ का आदान प्रदान हुआ है। जिसमें 45 लाख घोटाला हुआ है। सेक्रेटरी के खिलाफ प्राथमिक कार्रवाई कर दी गई है।