यूपी में फूड एंड रेस्टोरेंट बिजनेस को मिली ऊंची उड़ान

लखनऊ, उत्तर प्रदेश में खाद्य सुरक्षा और व्यवसाय सुगमता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में खाद्य लाइसेंस और पंजीकरण में पिछले कुछ वर्षों में 200 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।
यह उपलब्धि न केवल खाद्य व्यवसायियों के लिए बल्कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में 1,16,316 फूड लाइसेंस और लगभग 7,43767 फूड रजिस्ट्रेशन सक्रिय हैं, जो प्रदेश में खाद्य व्यवसायों की बढ़ती संख्या और विभाग की सक्रियता को दर्शाता है। इसके साथ योगी मार्गदर्शन में प्रदेश का खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग व्यापार सुगमता के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा के लिए भी पूरी सतर्कता से कार्यरत है।
योगी ने प्रदेश में व्यवसाय और निवेश के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए ईज़ ऑफ डूईंग बिजनेस की नीति को बढ़ावा दिया है। जिसके चलते उनके शासन काल में अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ फूड एंड रेस्टोरेंट बिजनेस में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। योगी के शासन में आने के बाद से फूड लाइसेंस प्राप्त करने वाली संस्थाओं की संख्या में 200 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। वर्ष 2016-17 में जहां 12 लाख रुपये तक की फूड युनिट के रजिस्ट्रेशन की संख्या 1,99,711 से 271 प्रतिशत बढ़कर वर्तमान में 7,43,767 हो गई है। तो वहीं 12 लाख से 30 करोड़ रुपये तक के लाइसेंस की संख्या वर्ष 2016-17 में 36,984 से बढ़कर वर्तमान में 1,16,316 हो गई है। प्रदेश में फूड लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि न केवल फूड एंड रेस्टोरेंट बिजनेस में होने वाली बढ़ोतरी को दर्शा रही है, साथ ही खाद्य सुरक्षा के प्रति योगी सरकार की प्रतिबद्धता को भी दिखाती है।
योगी सरकार ने प्रदेश में फूड एंड रेस्टोरेंट बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए लाइसेंसिग और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान बनाया है, तो वहीं दूसरी ओर खाद्य सुरक्षा के मानकों का भी कड़ाई से पालन किया जा रहा। प्रदेश का खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, फूड सेफ्टी कनेक्शन एप (एफओएससीओएस पोर्टल) के माध्यम से फूड लाईसेंस और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी करने की सुविधा उपलब्ध करवाता है। जिसके तहत हाई रिस्क फूड बिजनेस को छोड़कर सभी आवेदन 24 घंटे के अंदर निस्तारित किए जाते हैं।
साथ ही फेरीवालों और आगंनवाड़ी केन्द्रों को बिना शुल्क 5 साल का पंजीकरण दिया जाता है। एफओएससीओएस पोर्टल न केवल पेपरलेस तरीके से ऑनलाइन लाइसेंसिग की प्रक्रिया पूरी करवाता है साथ ही विभाग से संबंधित किसी भी तरह की शिकायतों का भी त्वरित निस्तारण करने का प्लेटफार्म उपलब्ध करवाता है। इसके अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा और मिलावट की रोकथाम के लिए विभाग प्रदेश के सभी मण्डलों पर फूड एंड ड्रग एनालिसिस हाईटेक लैब स्थापित कर रहा है। साथ ही 36 सचल खाद्य प्रयोगशाला पूरे प्रदेश में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और मानकों की जांच करती है।