लखनऊ, औद्योगिक विकास को गति देने की कवायद के तहत उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने विभिन्न केटेगरी इंडस्ट्रीयल प्लॉट्स की आवंटन प्रक्रिया सुनिश्चित करते हुए 84 भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अधिकृत सूत्रों ने शनिवार को बताया कि पिछले साल 29 दिसंबर को यूपीसीडा ने 106 औद्योगिक, 13 व्यवसायिक व 16 बिल्ड अप हॉल फ्लैटेड फैक्टरी भूखंडों की प्रक्रिया शुरू की थी। इस प्रक्रिया में शेष रह गए 84 औद्योगिक भूखंडों की ई-निविदा का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।
इस क्रम में, यूपीसीडा द्वारा जिन भूखंडों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई है उनमें उन्नाव ट्रांस गंगा सिटी, कानपुर, प्रयागराज, लखनऊ, झांसी, अयोध्या, आगरा, हरदोई, वाराणसी समेत कई प्रमुख जिलों के औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंडों का मार्ग प्रशस्त होगा। इस ई-निविदा प्रक्रिया को यूपीसीडा द्वारा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के ई-टेंडरिंग पोर्टल के जरिए पूरा किया जाएगा।
उन्होने बताया कि जिन भूखंडों के आवंटन के लिए नीलामी प्रक्रिया को यूपीसीडा द्वारा शुरू किया गया है उनकी रिजर्व्ड प्राइस, कुल एरिया, ईएमडी प्राइज समेत तमाम जानकारियां भी साझा की गई हैं। इसमें से सबसे छोटा भूखंड 2426.97 स्क्वेयर मीटर तो सबसे बड़ा प्लॉट 53563 स्क्वेयर मीटर का है। इसमें जिस भूखंड को सर्वाधिक कीमती माना गया है उसकी रिजर्व्ड प्राइस 64.69 करोड़ रुपए रखी गई है। वहीं, बिल्ड अप हॉल फ्लैटेज फैक्ट्रीज के लिए रिजर्व्ड प्लॉट्स को 50 हजार रुपए के अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (ईएमडी) पर प्राप्त किया जा सकेगा। इन भूखंडों में इंडस्ट्रियल, वेयरहाउसिंग, कमर्शियल व फ्लैटेड फैक्टरी जैसी गतिविधियों का संचालन किया जा सकेगा।
सूत्रों के अनुसार मेगा ई-ऑक्शन के अंतर्गत आवेदन करने की अंतिम तिथि 14 फरवरी निर्धारित की गई है। इस ई-निविदा प्रक्रिया को यूपीसीडा द्वारा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के सहयोग से पूरा किया जाएगा। एसबीआई के ई-टेंडर पोर्टल के जरिए इस प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में विकसित हो रहे औद्योगिक परिवेश को गति देने में यूपीसीडा अहम भूमिका निभा रहा है।
उन्होने बताया कि राजधानी लखनऊ में 19 फरवरी को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) का आयोजन किया जा रहा है उसमें यूपीसीडा द्वारा 1.4 लाख करोड़ के बिजनेस इंटेंड्स को धरातल पर उतारने की अंतिम प्रक्रिया को भी पूर्ण करने पर फोकस किया जा रहा है।