श्रीनगर/ नयी दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के निर्णय के बाद पिछले एक दशक में दुनिया में योग का तेजी से विस्तार हो रहा है और इससे योग से जुड़ी धारणाएं बदली हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने योग दिवस पर आज श्रीनगर में विशेष रूप से आयोजित योग शिविर का नेतृत्व किया और इस केंद्र शासित क्षेत्र, देश और दुनिया के लोगों को योग दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, ‘ योग समाज में सकारात्मक बदलाव के नए रास्ते बना रहा है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीनगर के योग शिविर कार्यक्रम में भाग लेने वालों के साथ बाद में मुलाकात की और उनके साथ मोबाइल फोन से ली गयी सेल्फी को सोशल मीडिया पर साझा किया।
श्रीनगर का कार्यक्रम प्रसिद्ध डल झील के किनारे होने वाला था लेकिन बारिश के कारण इसे झील के किनारे ही एक बड़े सम्मेलन कक्ष में सीमित करना पड़ा। श्री मोदी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा , “आज विश्व के बड़े-बड़े संस्थानाें और विश्वविद्यालयों में योग पर अध्ययन चल रहे हैें अनुसंधान-पत्र प्रकाशित किए जा रहे हैं। अब सीमित दायरों से बाहर निकल रहा है। आज दुनिया एक नयी योग इकॉनामी को आगे बढ़ते देख रही है। आप देखिए, भारत में ऋषिकेश, काशी से लेकर केरल तक, योग टूरिज़्म का नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है। दुनिया भर से पर्यटक इसलिए भारत आ रहे हैं, क्योंकि उन्हें यहां प्रामाणिक योग सीखना है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने योग के चलते उभर रही व्यवसाय की संभावनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि योगा रिट्रीट और रेजॉर्बट बनाए जा रहे हैं। हवाई अड्डों, होटलाें में योग के लिए विशेष जगहें बनाई जा रही हैं। मार्केट में योग के लिए डिजाइनर परिधान, कपड़े, उपकरण आ रहे हैं। लोग अब अपनी फिटनेस के लिए पर्सनल योग ट्रेनर्स भी रख रहे हैं। कंपनियाँ भी कर्मचारियों के स्वास्थ्य संवर्धन की पहल केतौर पर योग और माइंडफुलनेस प्रोग्राम्स शुरू कर रही हैं। इन सबकी वजह से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सामने आये हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा , “पूरी दुनिया में योग करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ रही है, योग के प्रति आकर्षण भी बढ़ रहा है। मैं विश्व में हर जगह दुनिया के जितने भी बड़े नेताओं से मिलता हूँ, जहां भी जाता हूं, शायद ही कोई एकाध मिल जाएगा जो मेरे से योग की बात न करता हो। दुनिया के सभी वरिष्ठ नेता, जब भी मौका मिलता है मेरे से योग की चर्चा जरूर करते हैं और बड़ी जिज्ञासा से सवाल पूछते हैं। दुनिया के कितने ही देशों में योग डेली लाइफ का हिस्सा बन रहा है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में अपने हाथों तुर्कमेनिस्तान में एक योग सेंटर के उद्घाटन को याद करते हुए कहा कि आज वहाँ योग बेहद लोकप्रिय हो चुका है। तुर्कमेनिस्तान के सरकारी आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय में भी योगा उपचार को शामिल किया गया है। सऊदी अरब ने तो योग को अपनी शिक्षा प्रणाली में में भी शामिल किया है। मंगोलिया में भी मंगोलियन योग फ़ाउंडेशन के तहत कई योग स्कूल चलाये जा रहे हैं। यूरोपियन देशों में भी योग का चलन तेजी से बढ़ा है। जर्मनी में आज करीब डेढ़ करोड़ लोग, योगाभ्यासी बन चुके हैं।
उन्होंने इसी साल फ्रांस की 101 साल की एक महिला योग प्रशिक्षिका को पद्मश्री अलंकरण दिए जाने का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर कश्मीर और श्रीनगर का ये वातावरण, ये ऊर्जा और अनुभूति योग से हमें जो शक्ति मिलती है, श्रीनगर में हम उसे महसूस कर रहे हैं। मैं देश के सभी लोगों को, दुनिया के कोने-कोने में योग कर रहे लोगों को कश्मीर की धरती से योग दिवस की बधाई देता हूँ।”
उल्लेखनीय है कि श्री मोदी ने 2014 में संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव रखा था। भारत के इस प्रस्ताव का 177 देशों ने समर्थन किया था जो एक रिकार्ड है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योग की ये यात्रा अनवरत जारी है। भारत में आयुष विभाग ने योगाभ्यास का अनुशीलन करने वालों के लिए देश में योग प्रमाणन बोर्ड के गठन के बाद इस बोर्ड से अब तक देश में 100 से ज्यादा बड़े संस्थानों को मान्यता मिल चुकी है। विदेश के 10 बड़े संस्थानों ने भी भारत के इस बोर्ड से मान्यता प्राप्त की है। उन्होंने कहा , “योग केवल एक विधा नहीं है, बल्कि एक विज्ञान भी है। आज सूचना क्रांति के इस दौर में हर ओर सूचना संसाधनों की बाढ़ है। ऐसे में, मानव मस्तिष्क के लिए एक विषय पर फोकस कर पाना एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। इसका भी निदान हमें योग से मिलता है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम जानते हैं, एकाग्रता मानव मन की सबसे बड़ी ताकत है। योग-ध्यान के जरिए हमारा ये सामर्थ्य भी निखरता है। इसीलिए, आज सेना से लेकर खेल-कूद तक में योग को शामिल किया जा रहा है। अंतरिक्ष कार्यक्रम में भी जो अंतरिक्ष यात्रियों को भी योग ध्यान की ट्रेनिंग दी जाती है।” उन्होंने कहा कि योग एवं ध्यान के प्रशिक्षण से इससे उत्पादकता और सहनशक्ति बढ़ती है। आजकल तो कई जेलों में कैदियों को भी योग कराया जा रहा है, ताकि वे सकारात्मक विचारों पर अपने मन को केन्द्रित कर सकें।
प्रधानमंत्री मोदी ने बारिश के कारण आज के कार्यक्रम में उत्पन्न हल्की बाधाओं और विलम्ब का भी जिक्र किया। उन्होंने योग को लेकर जम्मू-कश्मीर में लोगों के आकर्षण की सराहना की । उन्होंने कहा, ‘ मैं कल से मैं देख रहा हूं। पूरे जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर में योग के प्रति जो आकर्षण बना है, जिस उमंग और उत्साह के साथ लोग योग के साथ जुड़ने के लिए आतुर हैं, ये अपने आप में जम्मू-कश्मीर के टूरिज्म को देने के लिए एक नयी ताकत का अवसर बन गया है। मैं मानता हूं कि जम्मू-कश्मीर में 50-60 हजार लोगों का योग कार्यक्रम में जुड़ना, ये बहुत बड़ी बात है और इसलिए मैं यहां के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।”