लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने मन्दिर-मस्जिद विवाद को लेकर सुर्खियों में रहने वाली अयोध्या को आज नगर निगम बना दिया।
याेगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। मंत्रिमंडल ने मथुरा-वृन्दावन को मिलाकर भी नगर निगम बनाने का फैसला लिया। अयोध्या नगर निगम में फैजाबाद नगर पालिका क्षेत्र और आसपास के कुछ गांवों को भी शामिल किया गया है।
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राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा तथा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पत्रकारों को यह जानकारी दी। श्री शर्मा ने बताया कि भगवान श्रीराम के प्रति करोडों लोगों की आस्था है। वहां देश विदेश के श्रद्धालु आते हैं। अयोध्या और उसके आसपास के क्षेत्रों का विकास करने के लिए सरकार ने नगर निगम बनाने का निर्णय लिया।
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श्रीकान्त शर्मा ने बताया कि नगर निगम बनने के बाद रोजगार के साधन बढेंगे। नगर साफ सुथरा होगा क्योंकि बजट बढे गए , सरकारी मदद भी बढेगी। रेल, सडक और हवाई मार्ग से जोडने की सुविधा भी बढायी जाएगी। बुनियादी ढांचा मजबूत किया जाएगा ताकि अयोध्या का विकास उसकी मर्यादा के अनुरुप हो सके।
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उन्होंने बताया कि मथुरा-वृन्दावन में दुनिया भर से लोग आते हैं। मथुरा में पर्याप्त शौचालय या सफाई व्यवस्था नहीं है। बुनियादी ढांचे को मजबूत करनेए यमुना का शुद्धिकरण करने तथा स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मथुरा और वृन्दावन को मिलाकर नगर निगम बनाने का निर्णय लिया गया है।
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श्रीकान्त शर्मा ने बताया कि दोनों नगर निगमों का चुनाव भी जुलाई में प्रस्तावित नगरीय निकाय चुनाव के साथ ही कराये जाएंगे। अयोध्या को लेकर योगी सरकार कई और योजनाएं तैयार कर रही है। इसके पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 2019 के पहले अयोध्या को अमृतसर के रुप में विकसित करने की योजना के सम्बन्ध में जानकारी दी थी।
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उन्होंने कहा था कि इसके लिए अमृतसर को विकसित करने वाली कम्पनी को श्हायरश् कर उसे अयोध्या के विकास के लिए डिजाइन बनाने के आदेश दिये गये हैं। डिजाइन बनते ही विस्तृत परियोजना रिपोर्ट ;डीपीआर बनाकर काम शुरु करवा दिया जाएगा।
श्री मौर्य के अनुसार मंदिर का मामला उच्चतम न्यायालय में है अयोध्या के विकास का नहीं। उनकी सरकार अयोध्या का व्यापक विकास करने जा रही है। विकास ऐसा होगा जिससे अयोध्यावासियों और अयोध्या में आस्था रखने वालों का मस्तक गर्व से ऊंचा हो जायेगा और नयी अयोध्या दिखायी देगी।
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उन्होंने कहा कि अभी वह यह नहीं कह सकते कि याेजना कितने की बनेगी लेकिन यह तो तय है कि कई अरब रुपये खर्च किये जायेंगे। आस्था और विश्वास का पूरा ध्यान रखा जाएगा। अयोध्या को विकसित करने की पहल राज्य सरकार ने की हैए लेकिन इसमें केन्द्र की पूरी मदद ली जायेगी।
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मौर्य ने कहा कि इसी तरह मथुरा, काशी समेत अन्य धार्मिक स्थलों का भी विकास किया जायेगा। पिछली सरकारो ने तीर्थस्थलों के विकास पर कोई ध्यान ही नहीं दिया। धार्मिक स्थलों के विकास से पर्यटन को बढावा मिलता है। उन्होंने बताया कि मथुरा में गिरिराज परिक्रमा को विकसित किया जा रहा है। उसके आसपास के क्षेत्रों को भी आकर्षक बनाया जा रहा है।
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प मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्याए काशीए मथुरा और प्रयाग को 2019 में लगने वाले कुम्भ मेले के पहले विकसित कर लिया जायेगा। इन चारों स्थलों का इस तरह विकास किया जाएगा जिससे श्रद्धालुओं को लगे कि उनकी सरकार आ गयी है।
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मंत्रिमंडल की बैठक में पटरी दुकानदारों को रेगुलेट करने का भी निर्णय लिया गया। इसके लिए उत्तर प्रदेश विक्रेता नियमावली 2017 लागू की जाएगी। इसे लागू करवाने के लिए नगर निगमों में नगर आयुक्त और नगर पालिकाओं में मुख्य अधिशाषी अधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी। नगर पालिका की कमेटी में 10 और निगम की कमेटी में 20 सदस्य होंगे।
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स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि नियमावली के तहत 14 वर्ष की उम्र से अधिक पटरी दुकानदारों का पंजीकरण कराया जाएगा। वेंडर जोन निर्धारित किये जाएंगे। नियमावली के तहत दुकानें लगेंगी। उनका दावा था कि इससे पटरी दुकानदारों का शोषण रुकेगा।
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इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने स्टाम्प सम्बंधी मामलों को जल्दी निपटाने के लिए तीन तरह से विभाजित कर दिया है। तीन अधिकारियों को वरिष्ठता क्रम में इसके निर्धारण की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में कानून व्यवस्था खराब करने की कोशिश की जा रही है लेकिन सरकार सख्ती से निपटेगी और अपराधियों को इसका खामियाजा भुगतना पडेगा। कानून हाथ में लेने की किसी को इजाजत नहीं होगी।