राजनीतिक दौरों के बीच, अखिलेश यादव ने किये धार्मिक स्थलों के दर्शन, तापी की गंदगी से हुये दुखी
February 6, 2018
सूरत, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सूरत के चारधाम मंदिर के दर्शन किये। यहां अखिलेश यादव ने चारधाम मंदिर, तीन पत्तों का वट वृक्ष का हजारों वर्षों का पौराणिक इतिहास भी जाना।
राजनीति के कार्यक्रमों से इतर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सूरत में चारधाम मंदिर पहुंचे। अखिलेश यादव ने चारधाम मंदिर, तीन पत्तों का वट वृक्ष का हजारों वर्षों का पौराणिक इतिहास जाना और धार्मिक स्थलों के दर्शन किये। अखिलेश यादव कुछ समय तक कुंवारी भूमि पर रूके। यहां लोगों ने भारी संख्या मे अखिलेश यादव का स्वागत और अभिनंदन किया।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सूरत के प्रमुख समाजसेवी वेलजी भाई नाकूम, पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी के साथ तापी नदी, जिसे क्वांरी माता नदी भी कहा जाता है, के किनारे पहुंचे। यहां समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कर्ण का मंदिर देखा। इसी नदी के किनारे कर्ण का अंतिम संस्कार हुआ था। तापी नदी में जलकुम्भी और गंदगी देखकर अखिलेश यादव ने दुःख व्यक्त किया।
चारधाम मन्दिर के महंत गुरू श्री बलरामदास के उत्तराधिकारी महंत विजय दास ने बताया कि जब कृष्ण भगवान और पांडवों ने सब तीर्थधाम करते हुए तापी नदी के किनारे कर्ण का शवदाह किया तब पांडवों ने जब कुंवारी भूमि होने पर शंका जताई तो श्रीकृष्ण ने कहा कि यहां पर तीन पत्तों का वट वृ़क्ष होगा जो ब्रह्मा, विष्णु, और महेश के प्रतीक रूपी होंगे।