बहराइच , उत्तर प्रदेश में बहराइच के दरगाह थाने में कुण्डा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनकी पत्नी समेत पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है।
राजा भैया पर उनके पूर्व जन सम्पर्क अधिकारी राजीव यादव के नाम से बहराइच के एक्सिस बैंक में फर्जी तरीके से खाता खुलवाने का आरोप है। इस मामले में न्यायालय ने 24 अप्रैल को सुरक्षित फैसले को सार्वजनिक करते हुए मामला दर्ज करने का आदेश दिया था मगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नही की। इस पर पूर्व पीआरओ ने अवमानना का वाद दायर किया। कल शाम मामला दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी।
कुण्डा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के यहां प्रतापगढ़ जिले के मानिकपुर गोतनी निवासी राजीव कुमार यादव पीआरओ के पद पर कार्यरत थे। यादव का कहना है कि मार्च 2008 में पारिवारिक कार्यों से उन्होंने पीआरओ का कार्य छोड़ दिया था। इससे राजा भैया उनसे नाराज थे।
पीआरओ को फर्जी मामले में फंसाने के लिए राजा भैया ने अपनी पत्नी भानवी सिंह तथा उनके बीमा एजेंट का काम देखने वाले बहराइच निवासी रोहित प्रताप और मोनिका के सहयोग से शहर के डिगिहा तिराहे पर स्थित एक्सिस बैंक में राजीव यादव के नाम से खाता खोल दिया गया। खाते में फोटो किसी दूसरे की थीए जबकि नाम और कागजात राजीव के लगाये गये थे।
इसकी जानकारी मिलने पर राजीव ने जब बैंक के शाखा प्रबंधक से पत्राचार किया तो खाता खुलने की पुष्टि हुई। उन्होंने वर्ष 2008 में दरगाह थाने में तहरीर दीए लेकिन केस दर्ज नहीं हुआ। इस पर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट नंबर एक के न्यायालय पर वाद दायर किया जिसकी सुनवाई वर्ष 2016 में हुई। अदालत ने आदेश को सुरक्षित कर दिया था।
यह आदेश 24 अप्रैल को न्यायालय ने सार्वजनिक करते हुए रघुराज प्रताप सिंह, उनकी पत्नी भानवी, कर्मचारी रोहित, मोनिका और बैंक के प्रबंधक पर धोखाधड़ी का केस दर्ज करने का आदेश दिया। न्यायालय के आदेश के बाद भी दरगाह पुलिस चुप्पी साधे रही। इस पर चार दिन पूर्व राजा भैया के पूर्व पीआरओ राजीव यादव ने न्यायालय में अवमाननावाद दायर किया। इसकी नोटिस कल थाने पहुंची तो आनन.फानन में दरगाह पुलिस ने राजा भैया समेत पांच के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत केस दर्ज कर लिया है। दरगाह थाना प्रभारी निरीक्षक जे एन शुक्ला ने बताया कि केस दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है।
अवमाननावाद में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 12 मई की तिथि सुनवाई के लिए निर्धारित की थी। उसी के तहत दरगाह थाना प्रभारी को नोटिस भेजी। 12 मार्च को उन्हें कोर्ट पर हाजिर होना था। न्यायालय की कार्रवाई से बचने के लिए आनन.फानन में पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।