पटना, बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज जी20 के सदस्य देशों के एल20 (श्रम भागीदारी समूह) के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
श्री आर्लेकर ने गुरुवार को यहां कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि विश्व की लगभग 75 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले जी20 सदस्य देशों की बहुप्रतीक्षित एल20 बैठक में 28 देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत करना उनके लिए महान क्षण है। उन्होंने बिहार के ऐतिहासिक महत्व की सराहना करते हुए कहा, “बिहार का इतिहास हजारों साल पुराना है, यह ज्ञान की भूमि है, जहां अलग अलग देशों के छात्र नालंदा विश्वविद्यालय में ज्ञान प्राप्त करते थे। वैशाली को लोकतंत्र की जननी भी माना जाता है।”
राज्यपाल ने सभी से राज्य का दौरा करने की अपील करते हुए कहा, “अगर आपको बिहार आने का अवसर मिला है तो आपको प्राचीन ज्ञान की भूमि का दौरा अवश्य करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि एल20 के दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान श्रम शक्ति और महिलाओं सहित कई मुद्दों पर गंभीर विचार-विमर्श होने और ठोस नतीजे सामने आने की उम्मीद है।
श्री आर्लेकर ने कहा कि मानवीय मूल्यों को कायम रखना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को अच्छा राजनेता बनने के लिए अच्छा इंसान बनना ज़रूरी है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान एक आईपीएस अधिकारी के सवाल के जवाब को याद करते हुए इस बात पर जोर दिया कि एक अच्छा राजनेता कैसे बनें।
एल20 सम्मेलन के अध्यक्ष हिरण्मय पंड्या ने भी प्रतिनिधिमंडलों का स्वागत करते हुए कहा, “यह न केवल बिहार के लिए बल्कि पूरे देश और श्रम विभाग के प्रतिनिधियों के लिए भी गर्व का अवसर है। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि एल20 न केवल जी20 राष्ट्र की आवाज का प्रतिनिधित्व करेगा बल्कि यह निश्चित रूप से उन देशों की आवाज का भी प्रतिनिधित्व करेगा जिनके प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हैं।”