लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के आरोप में समाजवादी पार्टी (सपा) महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य समेत दस लोगोें के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गयी है। इसके अलावा एफआईआर में कुछ अज्ञात लोगों को भी शामिल किया गया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि ऐशबाग निवासी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ता सतनाम सिंह लवी ने पीजीआई थाने में तहरीर देकर शिकायत की है कि देवेन्द्र प्रताप यादव,यशपाल सिंह लोधी,सतेन्द्र कुशवाहा,महेन्द्र प्रताप यादव, सुजीत यादव,नरेश सिंह,एमएस यादव,संतोष वर्मा समेत कुछ अन्य ने रविवार को आपराधिक षडयंत्र के तहत आवास विकास आफिस सेक्टर नौ के पास रामचरितमानस और उनके अनुयायियों पर अभद्र टिप्पणी की और पवित्र ग्रंथ की प्रतियां जलाकर सांप्रदायिक माहौल खराब करने का प्रयास किया।
उन्होने बताया कि तहरीर के आधार पर सभी आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी,142,143,153ए, 295,295ए,298,504,505(2) और 506 के तहत एफआईआर दर्ज की गयी जबकि बाद में एफआईआर में सपा नेता एवं पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और सलीम नामक व्यक्ति का नाम जोड़ा गया।
सूत्रों ने बताया कि सपा नेता ने रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर सामाजिक विद्वेष फैलाने की कोशिश की है।
गौरतलब है कि अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के समर्थकों ने रविवार को आवास विकास वृंदावन योजना सेक्टर नौ के निकट रामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के दिये बयान के समर्थन में पवित्र ग्रंथ की प्रतियों को फाड़ कर जला दिया था। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि महिलाओं और शूद्रो के लिये रामचरितमानस में लिखी चौपाइयों को हटाया जाये। उधर, विवादित बयान देकर चर्चा में आये श्री मौर्य ने रविवार को दोहराया था कि वह रामचरितमानस को लेकर अपने बयान पर अडिग हैं।