कोलकाता, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को राष्ट्रीय गतिशील दिव्यांगजन संस्थान (एनआईएलडी) का दौरा किया और परिसर के भीतर दिव्यांगजन मरीजों के चलने फिरने में मदद के लिए एक ई-रिक्शा का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति ने एनआईएलडी में दिव्यांगजनों और ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों से बातचीत की । संस्थान के एक प्रवक्ता ने बताया कि कोविंद ने इस अवसर पर कोई संबोधन नहीं दिया और बहु संवेदी एकीकृत उपचार इकाई का निरीक्षण किया और मुख्य राज्यमार्ग से एनआईएलडी परिसर में मरीजों को लाने-ले जाने के लिए पहली ई-रिक्शा का उद्घाटन किया।
एकीकृत उपचार इकाई से हर साल 12,000 बाल रोगियों को लाभ मिलेगा। राष्ट्रपति ने विभिन्न संवेदी उपकरणों से जुड़ी नयी इकाई की स्थापना के लिए संस्थान की तारीफ की। इस नयी इकाई से अलग-अलग तरह की निशक्तता का सामना कर रहे बच्चों के पुनर्वास में मदद मिलेगी।
प्रवक्ता ने कहा कि कोविंद ने एनआईएलडी के महिला और बच्चा वार्ड में दिव्यांग बच्चों के साथ बातचीत की और एक लड़की से एक लोकप्रिय हिंदी गाना गाने के लिए कहा । बाद में वह दिव्यांग बच्चों द्वारा बनायी गयी चित्रकला और हस्तशिल्प को देखने गए और उनके कलात्मक कार्यों की तारीफ की । दिव्यांग बच्ची की एक मां ने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं, राष्ट्रपति ने मेरी 12 वर्षीय बेटी के साथ बातचीत की।’’
एनआईएलडी के निदेशक डॉ. एस पी दास ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रपति संस्थान आए और उन्होंने सुविधाओं का निरीक्षण किया। उनके साथ में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत भी थे । केंद्रीय मंत्री के अलावा पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी राष्ट्रपति के साथ थे ।