नई दिल्ली, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के इंस्पेक्टर तंज़ील अहमद के परिवार पर दुख का पहाड़ टूट गया है। शनिवार देर रात यूपी में बिजनौर के सहसपुर इलाके में गोलियों से छलनी कर उनकी हत्या कर दी गई। आतंकियों द्वारा इस वारदात को अंजाम देने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है।एनआईए) ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में हुई अपने एक इंस्पेक्टर की हत्या को सुनियोजित हमला बताया। एनआईए के प्रवक्ता संजीव कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि शीर्ष जांच एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि इंस्पेक्टर के हत्यारे उन तक पहुंचे कैसे। प्रवक्ता ने कहा, एक सुनियोजित हमले में एनआईए के इंस्पेक्टर तंजिल अहमद की हत्या कर दी गई। इंस्पेक्टर अपनी पत्नी के साथ उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले से एक शादी से लौट रहे थे। उसी दौरान अज्ञात हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर उनकी हत्या कर दी। वह पिछले साढ़े छह साल से एनआईए में कार्यरत थे। वह मूल रूप से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से थे, जिसमें वह सहायक कमांडेंट थे। हमले में तंजील अहमद की पत्नी फरजाना घायल हो गईं। कार में पीछे बैठी सोलह साल की बेटी और बारह साल का बेटा बाल-बाल बच गए। करीब एक किलोमीटर पीछे ही दूसरी कार में आ रहे तंज़ील के भाई और भाभी के मुताबिक हमलावर पल्सर बाइक से आए थे और उन्होंने हेलमेट पहन रखे थे। हमले के बाद जब वे मौका ए वारदात पर पहुंचे तो देखा कि तंजील के बच्चे कार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। बच्चों ने घरवालों को बताया कि जब गोलियां चलीं तो पापा ने कहा कि बच्चो सीट के नीचे छुप जाओ। तंजील की पत्नी फरजाना फिलहाल नोएडा के एक अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी हालत अब खतरे से बाहर है। तंजील को मुरादाबाद के एक चिकित्सा केंद्र ले जाया गया था, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। कई अहम आतंकी मामलों की जांच से जुड़े तंज़ील दिल्ली में शाहीन बाग के इसी घर में रह रहे थे। यहां भी पड़ोसी उन्हें एक विनम्र शख्स के तौर पर जानते थे और कम ही लोगों को पता था कि वे एनआईए में थे। पुलिस और एनआईए के अफ़सरों ने शादी वाली जगह जाकर भी पूछताछ की। पुलिस का दावा है कि हमले के पीछे गहरी साजिश है। हमले में ऑटोमेटिक हथियार का प्रयोग हुआ है। तंज़ील के रिश्तेदारों के मुताबिक यह न तो लूट का मामला है और न ही उनकी किसी से कोई रंजिश थी। संपत्ति विवाद होने से भी परिवार ने इनकार किया है।