नई दिल्ली, रीयल एस्टेट बिल को संसद ने अपनी मंजूरी दे दी। राज्यसभा से पिछले हफ्ते पारित हो चुके इस विधेयक को लोकसभा ने भी चर्चा के बाद अपनी मंजूरी दे दी। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने इस विधेयक को समय की जरूरत बताया और कहा कि इससे बिल्डर और उपभोक्ता दोनों के हितों का संरक्षण होगा।
‘भू-संपदा (विनियमन और विकास) विधेयक, 2016’ पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए नायडू ने कहा कि विधेयक पारित होने के बाद एक नियामक प्राधिकरण बनाया जाएगा, जिसमें बिल्डर को किसी भी परियोजना की शुरुआत से पहले उसमें पंजीकरण कराना होगा और उसकी जमीन खरीदने से लेकर अन्य सभी मंजूरी संबंधित दस्तावेज आदि का ब्योरा जमा करना होगा। यह जानकारी उपभोक्ताओं के लिए सार्वजनिक होगी और वे अपनी पसंद की परियोजना चुन सकते हैं। नायडू ने कहा कि यह विधेयक सभी हितधारकों और संसद की समितियों में पर्याप्त अध्ययन के बाद लाया गया है। उन्होंने कहा कि यह उपभोक्ता को ‘किंग’ बनाने वाला विधेयक है। कानून बनने के बाद बिल्डर और ग्राहक दोनों ही इसके दायरे में आएंगे।