नयी दिल्ली , रेलवे अपनी करीब 12 हजार 66 एकड़ अधिशेष जमीन राज्य सरकारों को बेचना चाहती है। रेलवे ने 13 राज्यों को पत्र लिखकर उनसे कहा है कि या तो इन जमीन को खरीद लें या विकास परियोजनाओं के लिए इन जमीन की अदला – बदली कर लें।
पिछले महीने रेलवे बोर्ड ने पश्चिम बंगाल , गुजरात , तमिलनाडु , झारखंड , पंजाब , मध्यप्रदेश , महाराष्ट्र , ओडिशा , कर्नाटक , उत्तरप्रदेश , छत्तीसगढ़ और असम के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि इन अनुपयुक्त जमीन के उपयोग के लिए वे प्रस्ताव भेजें। पत्र में लिखा गया है , ‘‘ इन जमीन का इस्तेमाल राज्य सरकारें राजमार्गों , सड़कों या किसी अन्य उपयोगी उद्देश्य के लिए कर सकती हैं ।
इसमें लिखा गया है , ‘‘ सभी मामलों में जमीन के लिए भुगतान की जाने वाली राशि हस्तांतरण के दौरान बाजार मूल्य के बराबर होगी .जमीन की अदला – बदली के तहत इन जमीन को राज्य सरकार को भी सौंपा जा सकता है जो रेलवे के लिए बराबर कीमत आधार पर उपयोगी होंगी। ’’
रेलवे ने कहा कि इनमें से अधिकतर जमीन को इसने संपर्क बढ़ाने के लिए अधिग्रहित की थी। इसमें कहा गया है कि जिन क्षेत्रों में मीटर या नैरो गेज से ब्रॉड गेज में परिवर्तन हुआ है वैसे स्थानों पर नैरो गेज या मीटर गेज के जिस सेक्शन को परित्यक्त छोड़ दिया गया है वे अनुपयुक्त रह गए हैं।
पत्र के मुताबिक उत्तरप्रदेश , महाराष्ट्र और असम में सौ वर्षों से ज्यादा समय से रेलवे के पास कुछ जमीन है। सूत्रों का कहना है कि अगर राज्य सरकार ने अपने निर्धारित क्षेत्रों में इन जमीन का उपयोग करने का निर्णय किया तो रेलवे को हजारों करोड़ रुपये की आमदनी होगी। बोर्ड ने राज्यों से कहा है कि वे अपना प्रस्ताव मंडलीय रेल प्रबंधक को भेजें, अगर उन्हें इस तरह के जमीन की जरूरत है।