नई दिल्ली, रेलवे स्टेशनों पर मिलने वाला पेयजल मानव अपशिष्ट में पाए जाने वाले वैक्टीरिया से दूषित है तथा इसमें सुधार के लिए प्रक्रिया चल रही है। रेलवे ने दिल्ली उच्च न्यायालय में ट्रेन तथा प्लेटफार्म पर मिलने वाले पानी से संबंधित एक याचिका के जवाब में स्वीकार किया कि प्लेटफार्मों पर आपूर्ति किया जाने वाला पानी मानव अपशिष्ट में पाए जाने वाले वैक्टीरिया से दूषित है। इस बारे में पूछे जाने पर रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमने प्रक्रिया तथा गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली में जुलाई से सुधार किया है तथा नए नियम लागू किए गए हैं ताकि अब उपलब्ध कराए जाने वाले पानी के दूषित होने की कोई आशंका नहीं हो। सेंट्रल पब्लिक हेल्थ एंड एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग आर्गनाइजेशन (सीपीएचईईओ) की ओर से कराए गए अध्ययन में यह पता लगा कि नुकसान वैक्टीरिया को समाप्त करने के लिए अपनाई जाने वाली क्लोरीकरण की प्रक्रिया का पालन दिल्ली, गाजियाबाद, वाराणसी तथा अंबाला की इकाइयों में नहीं किया जा रहा है। अधिकारी ने कहा कि सभी रेलवे जोन को सलाह दी गयी है कि पेयजल की आपूर्ति के लिए संशोधित प्रणाली का पालन किया जाए। इस बीच, उत्तर रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि स्टेशनों और कालोनियों में उपलब्ध कराया जाने वाली पानी उपयोग के लिए पूरी तरह सुरक्षित है और रेलवे पानी की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि संशोधित प्रक्रिया को धीरे धीरे पूरे तंत्र में लागू किया जाएगा।