नई दिल्ली, बैंकों, हवाई अड्डों, दूरसंचार नेटवर्क और शेयर बाजार समेत प्रमुख अवसंरचनात्मक एजेंसियों को वन्नाक्राई रैंसमवेयर से अपने डेटा को सुरक्षित करने के लिए एहतियाती कदम उठाने को कहा गया है। इस रैंसमवेयर का खतरा पूरे विश्व में बढ़ा है। माइक्रोसॉफ्ट के एक्सपी जैसे पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले कंप्यूटर इस मालवेयर से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं और इससे प्रभावित होते ही कंप्यूटर के सभी फाइल लॉक हो जा रही हैं। साइबर अपराधी उपकरणों को अनलॉक करने के लिए 300 अमेरिकी डॉलर तक की राशि मांग रहे हैं।
सप्ताहांत तक इस रैंसमवेयर के जरिए रूस और ब्रिटेन समेत 100 से अधिक देशों के कंप्यूटर सिस्टम पर साइबर हमला किया गया है। यह अब तक के इतिहास का सबसे व्यापक तौर पर फैलने वाला रैंसमवेयर है। भारत में भी आंध्र प्रदेश पुलिस के कुछ सिस्टम के इससे प्रभावित होने की सूचना मिली है। देश की साइबर सुरक्षा एजेंसी सीईआरटी-इन को अब तक बड़े हमलों से जुड़ी औपचारिक सूचना नहीं मिली है। फिर भी उसने सभी सरकारी एजेंसियों और सार्वजनिक क्षेत्र के सेवा प्रदाताओं को आगाह कर दिया है।
सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि उसने सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संबंधित हितधारकों से सीईआरटी-इन के परामर्श के अनुसार सिस्टम को पैच करने की सलाह देने के लिए संपर्क करना शुरू कर दिया है। मंत्रालय ने कहा है कि रैंसमवेयर के प्रसार पर उसकी करीबी निगाह है और वह संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वित तरीके से काम कर रहा है। भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया बल के महानिदेशक संजय बहल ने कहा कि सभी केंद्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियों के लिए पहले ही परामर्श जारी कर दिया गया है। इसके अलावा बैंकों, शेयर बाजार, हवाई अड्डों, रक्षा, ऊर्जा और सार्वजनिक सेवा प्रदाताओं समेत सभी प्रमुख प्रतिष्ठानों और नेटवर्क को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, की सूची दी गयी है।