लखनऊ, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम 36 बर्थ वाली स्लीपर बस सेवा को अब नहीं शुरू करेगा। इस प्रस्ताव को शासन से मंजूरी नहीं मिली। ऐसे में यात्रियों को ट्रेन की तर्ज पर रोडवेज बसों में स्लीपर सेवा में सफर करना मात्र सपना बनकर रह जायेगा। रोडवेज के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिस बर 2016 में परिवहन निगम के बस बेड़े में दो दर्जन स्लीपर बसों को जोडने का खाका तैयार हुआ।
निगम मुख्यालय ने प्रस्ताव बनाकर टेंडर जारी कर दिया। जनवरी में बोर्ड की बैठक भी हो गई। बैठक की रिपोर्ट की फाइल जब शासन को भेजी गई तो बिना मंजूरी वापस लौट आई। उन्होंने बताया कि पहले प्रस्ताव तैयार कराया गया। फिर बोर्ड बैठक में मंजूरी ली गई। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया के तहत निजी बस ऑपरेटरों को ऑफर दिया गया। कई ऑपरेटरों ने बस अनुबंध करने की मंशा जताई।
इन सब की रिपोर्ट जब शासन भेजी गई तो वहां प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया। परिवहन निगम के मुख्य प्रधान प्रबंधक एचएस गावा ने मंगलवार को कहा कि स्लीपर बस योजना के प्रस्ताव पर शासन ने मंजूरी देने से इंकार कर दिया है। इसलिए अब स्लीपर बस सेवा नहीं शुरू होगी। गौरतलब है कि पूर्व में लखनऊ से आगरा के बीच स्लीपर बस योजना शुरू की गई थी। रात्रिकालीन सेवा होने के कारण यात्रियों की सं या काफी कम रही और ट्रेन की तुलना में किराया भी अधिक रहा। इसी वजह से यह योजना फेल हो गई।