नागपुर, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार से रोहिंग्या समुदाय के लोगों पर कोई निर्णय लेने से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखने को कहा है । साथ ही आरोप लगाया कि उन्हें आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने और हिंसक अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के कारण ही म्यामां से निकाला गया है।
विजयदशमी के पर्व पर आरएसएस मुख्यालय में एक घंटे लंबे अपने संबोधन में भागवत ने अवैध शरणार्थियों, गौ रक्षकों , जम्मू कश्मीर की स्थिति और आर्थिक हालात जैसे अनेक विषयों को छुआ। उन्होंने केरल और पश्चिम बंगाल सरकार पर ‘‘ओछे राजनीतिक हितों के लिए देश विरोधी ताकतों को मदद पहुंचाने’’ का भी आरोप लगाया।
भागवत ने साथ ही जम्मू कश्मीर के निवासियों को शेष भारत के साथ पूरी तरह सम्मिलित किए जाने के लिए आवश्यक संवैधानिक संशोधन की मांग की है।