लगातार बारिश से सराबोर हुई बुंदेलखंड की प्यासी धरती

झांसी, उत्तर प्रदेश के सूखाग्रस्त क्षेत्र कहलाने वाले बुंदेलखंड पर इस बार इंद्रदेव की विशेष कृपा हो रही है और 20 जून से शुरू हुए मानसूनी सत्र के दौरान अभी तक इस क्षेत्र में जितनी वार्षिक औसत वर्षा होती है उतनी बारिश मात्र एक माह और छह दिन में हो चुकी है। अभी मानसूनी सत्र जारी है और आगे क्षेत्र में होने वाली बारिश से बुंदेलखंड को अतिरिक्त पानी मिलने वाला है।
मौसम विज्ञानी डॉ़ मुकेश चंद्रा और डॉ़ ए के सिंह ने शनिवार को बताया कि इस बार शुक्रवार देर शाम से हुई वर्षा का कारण बंगाल खाडी और ओडिशा के तटवर्ती इलाके के ऊपर बना चक्रवात है जो झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश से होते हुए बुंदेलखंड में लगातार बारिश का कारण बना है।
उन्होंने बताया कि बुंदेलखंड में 20 जून से शुरू हुई मानसूनी बरसात लगभग लगातार ही जारी है और यही वजह है कि इस क्षेत्र में होने वाली औसत वार्षिक वर्षा जो 850 मिलीमीटर है वह एक माह और छह दिन के भीतर ही 26 जुलाई तक हो चुकी है। अभी इस बारिश के सोमवार तक कुछ रूक रूक कर लेकिन लगातार होने के आसार हैं जिससे बुंदेलखंड को बारिश के रूप में अतिरिक्त पानी की प्राप्ति होगी।
उन्होंने बताया कि केवल धान उत्पादक किसानों के लिए ही यह वर्षा मुफीद साबित हो रही है। आमतौर पर 20 जून से पांच जुलाई के बीच इस क्षेत्र में किसान उड़द, मूंग, मूंगफली और तिल की बुवाई करता है लेकिन इस बार 20 जून से लगभग लगातार ही बारिश हो रही है । ऐसे में किसान को इन फसलों की बुवाई का समय ही नहीं मिला। जिन किसानों ने उड़द या तिल आदि की बुवाई की भी थी वह लगातार बारिश के कारण खराब हो गयी है।
उन्होंने बताया कि मात्र धान उत्पादक किसानों को छोड़ बुंदेलखंड का किसान अब किसी और फसल की बुवाई नहीं कर पायेगा लेकिन यह पानी रबी की फसल के लिए बहुत अच्छा रहेगा और इसके अधिक से अधिक संग्रहण के साथ किसान रबी की फसलों में अच्छा इस्तेमाल कर सकता है। मौसम वैज्ञानिकों ने आने वाले तीन चार दिनों में बुंदेलखंड क्षेत्र में अतिवृष्टि की संभावना जतायी है।