सरकार ने लघु बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दरों में 1.3 फीसदी तक की भारी कटौती कर दी है। पीपीएफ पर ब्याज दर को 8.7 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया गया है। इसी तरह सुकन्या समृद्धि पर ब्याज दर 9.2 से घटाकर 8.6 फीसदी और किसान विकास पत्र पर 8.7 फीसदी से घटनाकर 7.8 फीसदी किया गया है। सबसे ज्याद कटौती एक साल की अवधि के जमा पर की गई है, इस पर ब्याज दर 8.4 से घटाकर 7.1 फीसदी कर दिया गया है।
सरकार ने लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें तय करने की नई व्यवस्था बना दी है। अब लघु योजनाओं पर ब्याज दर तय करने के लिए 1 अप्रैल से समीक्षा हर तीन माह में होगी ताकि उन्हें सरकारी सिक्योरिटीज के बाजार भाव के अनुरूप बनाए रखा जा सके। सरकार ने पांच साल की एनएससी पर ब्याज दर 8.5 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी किया है जबकि वरिष्ठ नागरिक योजना पांच साल पर ब्याज दर 9.3 से घटाकर 8.6 फीसदी कर दिया है। इसी तरह किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 8.7 से घटाकर 7.8 फीसदी, पांच साल की आवर्ति जमा पर ब्याज दर 8.4 से घटाकर 7.4 फीसदी और पांच साल की एमआईएस पर ब्याज दर 8.4 से घटाकर 7.8 फीसदी किया है।
सरकार ने हाल ही में साफ किया था कि ब्याज दरों की समीक्षा तिमाही मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर की 15वीं तारीख में की जाएगी। यह क्रमश अप्रैल-जून, जुलाई-सिंतबर, अक्टूबर-दिसंबर और जनवरी मार्च की तिमाही के लिए लागू होगी। एक साल के जमा पर ब्याज दर 8.4 से घटाकर 7.1 फीसदी किया गया है जबकि सरकार ने दो साल के जमा पर भी ब्याज दर को 8.4 से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया है। इसी तर्ज पर तीन साल के जमा पर ब्याज दर 8.4 से घाटकर 7.4 फीसदी किया गया है। पांच साल के जमा पर ब्याज दर 8.5 से घटाकर 7.9 फीसदी किया गया है। डाकघर जमा योजनाओं पर ब्याज दर चार फीसदी पर बरकरार रखा गया है।